मुंबई,16 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने शनिवार को कहा कि राज्य 4,700 मेगावाट बिजली की कमी का सामना कर रहा है, लेकिन कृषि उपभोक्ताओं को बिजली कटौती से अलग रखा गया है।
उन्होंने कहा कि कोयले की कमी और गैस की अपर्याप्त आपूर्ति की वजह से राज्य में बिजली कटौती अपरिहार्य हो गई है।
राउत ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘हालांकि, कृषि उपभोक्ताओं को रोजाना दिन में आठ घंटे और रात को आठ घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा रही है।’’
उन्होंने बताया कि 15 जून तक रोजाना कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड (सीजीपीएल) से 760 मेगावाट और राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) से 673 मेगावाट बिजली खरीदने का समझौता किया गया है जबकि राज्य द्वारा संचालित महावितरण 1500 से 2000 मेगावाट बिजली ऊर्जा एक्सचेंज से खरीदेगी।
मंत्री ने कहा, ‘‘अब अधिकतम मांग बढ़कर 25,144 मेगावाट तक पहुंच गई है। बिजली की दर 12 रुपये प्रति यूनिट है।महावितरण ने 21,057 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए बिजली खरीद समझौता किया है लेकिन कोयले की कमी की वजह से मांग का केवल 78 प्रतिशत, यानी 16,487 मेगावाट ही उपलब्ध है।’’
राउत ने बताया कि कोयना जलविद्युत संयंत्र पूरी क्षमता से काम कर रहा है और उसे बिजली उत्पादन में अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल करने की अनुमति मिली है।
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