scorecardresearch
Sunday, 29 September, 2024
होमएजुकेशनकोविड महामारी से पहले के पैटर्न पर लौटी CBSE, 2023 से साल में एक बार होंगे बोर्ड एग्जाम्स

कोविड महामारी से पहले के पैटर्न पर लौटी CBSE, 2023 से साल में एक बार होंगे बोर्ड एग्जाम्स

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए दो बोर्ड परीक्षाओं का जिक्र है, बोर्ड ने निर्णय को स्थायी नीति के रूप में आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है.

Text Size:

नई दिल्ली: सीबीएसई एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने दिप्रिंट को बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से जुड़े स्कूलों के दसवीं और बारहवीं क्लास के छात्रों को अगले साल से केवल एक ही बोर्ड परीक्षा देनी होगी. गौरतलब है कि पिछले साल छात्रों को दो बार परीक्षा देनी पड़ी थी.

सीबीएसई ने 2021-22 शैक्षणिक वर्ष के लिए दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की थीं. हालांकि, भारद्वाज ने कहा कि यह कोविड महामारी के कारण एक बार लिया गया उपाय था. उन्होंने बताया कि अब स्कूल खुले हैं और चीजें वापस सामान्य हो रही हैं, बोर्ड पुराने पैटर्न पर वापस आ जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘दो बोर्ड परीक्षाओं में जाने का निर्णय कोविड-19 महामारी के दौरान एक विशेष उपाय के रूप में लिया गया था, बोर्ड ने कभी नहीं कहा कि यह आने वाले शैक्षणिक सत्रों के लिए भी जारी रहेगा.’

हालांकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में कक्षा 10 और 12 के लिए दो बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का उल्लेख है, लेकिन बोर्ड ने स्थायी नीति के रूप में निर्णय को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.

बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने के बारे में बात करते हुए, एनईपी कहता है, ‘बोर्ड परीक्षाओं को भी ‘आसान’ बनाया जाएगा, इस अर्थ में कि वे महीनों की कोचिंग और याद रखने के बजाय मुख्य रूप से मुख्य क्षमताओं/दक्षताओं का परीक्षण करेंगे, कोई भी छात्र जो स्कूल की कक्षा में जा रहा है और बुनियादी प्रयास कर रहा है, वह बिना किसी दूसरे प्रयास के संबंधित विषय की बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकेगा और अच्छा प्रदर्शन कर सकेगा.’

एक साल में दो परीक्षा आयोजित करने के बारे में, वो कहते हैं, ‘बोर्ड परीक्षाओं के ‘बड़े दाव वाले’ पहलू को और खत्म करने के लिए, सभी छात्रों को किसी भी स्कूल वर्ष के दौरान दो मौकों पर बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी, एक मुख्य परीक्षा और एक सुधार के लिए अगर जरूरत हो.’

हालांकि, बोर्ड के अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि एक साल में दो बोर्ड परीक्षा आयोजित करना ‘बोझिल’ था.

अधिकारी ने कहा, ‘बोर्ड एग्जाम कराने के लिए जिस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है, वह काफी बड़ा होता है- शिक्षक, निरीक्षक, एग्जाम-सेंटर्स. एक साल में दो बार परीक्षा कराना मुश्किल होता है. हमें स्कूलों से कुछ आवेदन भी मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि साल में दो बार बोर्ड आयोजित करना बहुत बोझिल है.’

उन्होंने कहा, ‘यहां तक ​​कि जब हमने दो परीक्षाओं की घोषणा की थी, तब भी हमने इसे एक स्थायी मामला बनाने का इरादा नहीं किया था, यह लोगों की व्याख्या है जिसने इसे ऐसा बना दिया है.’

साल 2021 में दो बार एग्जाम कराने वाले नोटिस में बताया गया, ‘साल 2021-22 के अकादमिक साल के लिए स्लेबस को दो भागों में बांटा गया है.’

‘शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों द्वारा अवधारणाओं और विषयों की परस्परता को देखते हुए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करते हुए दो भागों में बांटा जाएगा और बोर्ड प्रत्येक सत्र के अंत में परीक्षा के आधार पर परीक्षा आयोजित करेगा.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी की कार्यकारिणी भंग की, समान नागरिक संहिता का भी किया समर्थन


 

share & View comments