नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शेयर अंतरण मामले में ब्याज भुगतान से जुड़े विवाद के समाधान के लिए मंगलवार को सस्ती विमानन सेवाएं देने वाली एयरलाइन स्पाइसजेट को मीडिया उद्यमी कलानिधि मारन एवं काल एयरवेज को ‘कुछ ब्याज’ देने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी एवं न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए स्पाइसजेट के वकील मुकुल रोहतगी से कहा, ‘‘उसे कुछ ब्याज देना चाहिए। आप उनसे कुछ ब्याज देने के बारे में पूछें।’’
इस पर रोहतगी ने पीठ से मामले के निपटान या इसपर बहस के लिए कुछ वक्त देने की मांग की। फिर अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर दी गई।
सुनवाई के दौरान मारन एवं उनकी एयरलाइन के वकील ने कहा था कि स्पाइसजेट कोई भी ब्याज नहीं देना चाहती है।
एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने इस मामले में 920 करोड़ रुपये देने का निर्देश स्पाइसजेट को दिया हुआ है। इसमें ब्याज के रूप में 243 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा हुआ है।
शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति से मामले के निपटारे की कोशिश करने को कहा था। पीठ ने कहा कि वह मामले के निपटान की एक और कोशिश करेगी।
मारन और काल एयरवेज ने स्पाइसजेट में अपने सभी 35.04 करोड़ शेयरों का अंतरण फरवरी, 2015 में स्पाइसजेट के सह-संस्थापक अजय सिंह को कर दिया था।
भाषा
प्रेम अजय
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