एम्स्टर्डम, छह अप्रैल (भाषा) नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने बुधवार को यहां एक सरकारी भोज में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मेजबानी की और इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों ने यूक्रेन में “भयावह स्थिति” के अलावा भारत और नीदरलैंड के बीच उत्कृष्ट संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
रूट ने बैठक की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “आज दोपहर एक सरकारी भोज पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मेजबानी करना सम्मान की बात थी। हमने नीदरलैंड और भारत के बीच उत्कृष्ट संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति कोविंद और मैंने यूक्रेन की भयावह स्थिति पर भी चर्चा की।”
राष्ट्रपति कोविंद के कार्यालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों और जल, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, शहरी विकास और स्मार्ट शहरों में सहयोग पर चर्चा की।
भोजन पर हुई बैठक में उनके साथ भारतीय स्टार्टअप के प्रतिनिधि भी शामिल हुए जिन्होंने कृत्रिम मेधा, वित्तीय प्रौद्योगिकी और आईटी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में नीदरलैंड में काम शुरू किया है।
कई अन्य प्रमुख शक्तियों के विपरीत, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर हुए मतदान से खुद को दूर रखा है।
भारत संकट का समाधान कूटनीति और बातचीत से करने के वकालत करता रहा है।
कोविंद ने नीदरलैंड के स्टेट्स-जनरल (संसद) की सीनेट का भी दौरा किया और सीनेट के अध्यक्ष जान एंथोनी ब्रुजन, प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष वेरा बर्गकैंप और अन्य सदस्यों के साथ चर्चा की।
राष्ट्रपति कोविंद अपनी दो देशों की यात्रा के अंतिम चरण में तुर्कमेनिस्तान से सोमवार को एम्स्टर्डम पहुंचे। 1988 में राष्ट्रपति आर वेंकटरमन की यात्रा के 34 वर्षों के बाद देश के राष्ट्रपति की पहली नीदरलैंड यात्रा है।
मंगलवार को नरेश विलेम अलेक्जेंडर और रानी मैक्सिमा ने राष्ट्रपति के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया।
राजकीय भोज में अपने संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यह वर्ष द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है क्योंकि दोनों देश संयुक्त रूप से अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं जो भारत-नीदरलैंड साझेदारी की गहराई को दर्शाता है।
कोविंद ने कहा, “दो संपन्न लोकतंत्रों और दो आर्थिक दिग्गजों के रूप में, भारत और नीदरलैंड प्राकृतिक साझेदार हैं। हम वैश्विक चुनौतियों के बहुपक्षीय समाधानों का एक साझा दृष्टिकोण साझा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “नीदरलैंड की हिंद-प्रशांत और यूरोपीय संघ (ईयू) में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के प्रमुख पैरोकारों के रूप में, हम वैश्विक शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए काम करने के लिए एक समान प्रतिबद्धता साझा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “नीदरलैंड आपसी संपर्क, ऊर्जा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में भारत-यूरोपीय संघ के संबंधों को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”
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प्रशांत उमा
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