कारवार (कर्नाटक), चार अप्रैल (भाषा) कुछ दक्षिणपंथी समूहों द्वारा मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का विरोध किए जाने के बीच कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने सोमवार को कहा कि विद्यार्थियों और मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए कोई भी समाधान मुस्लिम समुदाय को भरोसे में लेकर निकाला जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्य में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने पिछले सप्ताह मस्जिदों में इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर को बंद करने की मांग की थी।
उन्होंने मुंबई में कहा था, ‘‘अगर यह नहीं रोका गया तो मस्जिदों के सामने ऊंची आवाज में हनुमाल चालीसा का पाठ किया जाएगा।’’
ईश्वरप्पा ने कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के विरोध में हनुमान चालीसा का तेज आवाज में पाठ करने की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है और इससे समुदायों के बीच विवाद पैदा हो सकता है। उन्होंने मुस्लिम नेताओं को सलाह दी कि वे देखें कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल उनके धार्मिक स्थल तक सीमित हो और उससे आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी नहीं हो।
ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘राज ठाकरे या श्री राम सेना द्वारा मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को रोकने की कोशिश स्वाभाविक तौर पर मुस्लिम समुदाय को भरोसे में लेकर की जानी चाहिए। लंबे समय से शिकायत रही है कि इससे सुबह और शाम को विद्यार्थियों और मरीजों को परेशानी होती है।’’
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय लोगों को नमाज के लिए बुलाने हेतु लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर रहा है लेकिन यह विद्यार्थियों को यहां तक कि उनके बच्चों और मरीजों को परेशान करता रहा है।
ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए प्रतिस्पर्धा नहीं है कि उनका मुकाबला करने के लिए तेज आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करें…मुझे आपकी (मुस्लिम समुदाय) प्रार्थना पर आपत्ति नहीं है लेकिन आपके लाउडस्पीकर के इस्तेमाल करने से, या मंदिरों और गिरिजाघरों में इस तरह की प्रार्थना होगी तो समुदायों के बीच विवाद पैदा होगा।’’
उन्होंने कहा कि उनके विचार से यह बेहतर होगा अगर मुस्लिम समुदाय इस पर सोचता है और लाउडस्पीकर का इस्तेमाल केवल मस्जिद के भीतर इस तरह से करता है जिससे बाकी लोगों को परेशानी नहीं हो तो यह अच्छा होगा।
भाषा धीरज मनीषा
मनीषा
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