कोलकाता, तीन अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल में स्थित आलिया विश्वविद्यालय के कुलपति मोहम्मद अली को एक छात्र नेता और उसके सहयोगियों द्वारा धमकाए जाने और अपशब्द कहे जाने का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर रविवार को वायरल हो गया।
छात्र नेता की पहचान गियासुद्दीन मंडल के रूप में की गई है। वह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) से कथित रूप से जुड़ा था, लेकिन पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने स्वयं को इस घटना से अलग कर लिया है।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना संस्थान के न्यू टाउन परिसर में शुक्रवार को हुई। उन्होंने बताया कि मंडल कुछ अन्य लोगों के साथ कुलपति के कार्यालय में गया और उसने अली को धमकी दी कि यदि पीएचडी की सूची में तत्काल बदलाव नहीं किया गया और उसके बताए लोगों को इसमें शामिल नहीं किया गया, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अली ने मंडल और उसके साथियों से कार्यालय से चले जाने और वार्ता के लिए उचित तरीके से फिर से आने को कहा, लेकिन छात्र नेता और उसके सहयोगियों ने चिल्लाना एवं कुलपति के खिलाफ अपशब्द कहना जारी रखा। इस दौरान कुछ कर्मी अधिकारी को घेरे खड़े रहे।
मंडल एवं उसके सहयोगी कुछ घंटे कुलपति के कार्यालय में रहे और वहां से जाने से पहले उन्होंने सूची में संशोधन नहीं किए जाने पर पुन: लौटकर आने की धमकी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सूची में हेरफेर किए जाने का आरोप लगाया।
अली ने घटना के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि मंडल और अन्य लोगों ने शुक्रवार को उनके कार्यालय में करीब दो घंटे तक उनका घेराव किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पुलिस को मदद के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं पहुंची।’’
टीएमसीपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने कहा कि मंडल को परिसर के अंदर और बाहर मारपीट करने के आरोप में पांच साल पहले छात्र संघ से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हम घटना की निंदा करते हैं। कुलपति के खिलाफ अपशब्द कहने वाले को सजा दी जानी चाहिए। यह हमारी संस्कृति नहीं है।’’
तृणमूल कांग्रेस की प्रदेश इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी शिक्षकों के साथ इस तरह के आचरण की कड़ी निंदा करती है और दोषियों को कड़ी सजा देने की वकालत करती है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘‘जब मैं ऐसी घटनाओं के बारे में सुनता हूं तो मेरा दिल दु:खी होता है। एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। उसके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता।’’
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि कैसे टीएमसीपी के कुछ नेताओं ने ‘‘सभी हदें पार कर दी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुलपति एक सज्जन व्यक्ति हैं, इसलिए वह चुप रहे और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अगर मैं होता तो मैं अपशब्द कहने वालों को थप्पड़ मार देता।’’
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘‘बंगाल की बेटी के शासन में यह कोई एकमात्र घटना नहीं है। यह अब राज्य की संस्कृति बन गई है। कुलपति ने कहा कि पुलिस उन्हें बचाने नहीं आई। यह अपेक्षित है, क्योंकि पुलिस उन लोगों को गिरफ्तार नहीं करेगी, जिनके सिर पर तृणमूल कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं का हाथ है।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी इस घटना की निंदा की।
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सिम्मी नरेश
नरेश
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