नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत केंद्र और राज्यों के बीच सब्सिडी बंटवारे के तरीके को संशोधित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
फरवरी 2016 में शुरू की गई पीएमएफबीवाई का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान अथवा क्षति का सामना कर रहे किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना को वर्ष 2020 के खरीफ सत्र (जून-अक्टूबर) से संशोधित किया गया था।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि संशोधित पीएमएफबीवाई ने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए सब्सिडी साझा करने के तौर तरीके को 50:50 से बदलकर 90:10 किया है। कुछ शर्तों के साथ शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रीमियम साझेदारी का तरीका 50:50 प्रतिशत है।
तोमर ने कहा, ‘‘फिलहाल, केंद्र और राज्यों के बीच सब्सिडी बंटवारे के तरीके को संशोधित करने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।’’
पीएमएफबीवाई संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित फसलों/क्षेत्रों के लिए बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक के ऐसे प्राकृतिक जोखिमों के कारण फसल क्षति के एवज में व्यापक बीमा प्रदान करता है, जिसे रोकना संभव नहीं है।
मंत्री ने कहा कि हालांकि, राज्य सरकारों के अनुरोध पर, राज्यों को अपने स्वयं के खर्च पर राज्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार पर जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को अतिरिक्त ‘कवर’ के रूप में अधिसूचित करने की अनुमति दी गई है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने कहा कि नौ मार्च तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान पीएमएफबीवाई के तहत 382 लाख हेक्टेयर सकल फसल क्षेत्र का बीमा किया गया है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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