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Monday, 23 December, 2024
होमदेशबीरभूम हत्या मामला : भाजपा की समिति का दावा बंगाल में “माफिया राज”, ममता ने जताया कड़ा विरोध

बीरभूम हत्या मामला : भाजपा की समिति का दावा बंगाल में “माफिया राज”, ममता ने जताया कड़ा विरोध

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नयी दिल्ली/दार्जिलिंग, 30 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हाल में हुई नौ लोगों की हत्या के मामले में भारतीय जनता पार्टी के एक तथ्यान्वेषी दल ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपी और दावा किया कि राज्य में पुलिस और राजनीतिक नेतृत्व की मिलीभगत से “माफिया राज” व्याप्त है। इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई, जिन्होंने कहा कि रिपोर्ट मामले की सीबीआई जांच को “कमजोर करेगी और उसमें हस्तक्षेप” होगी।

पांच सदस्यीय भाजपा दल में चार पूर्व आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। भाजपा के दल ने राज्य में कानून व व्यवस्था की “ध्वस्त” स्थिति को फिर से बहाल करने के लिए केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग की।

बीरभूम जिले के रामपुरहाट के निकट स्थित बोगतुई गांव में हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से आठ की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी जबकि एक पीड़ित ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया था। आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की 21 मार्च को हुई हत्या के बाद बदले की कार्रवाई के तहत उन्हें जलाकर मार दिया गया।

इस दल में राज्यसभा के सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त व लोकसभा के सदस्य सत्यपाल सिंह, राज्यसभा के सदस्य व पूर्व आईपीएस अधिकारी के सी राममूर्ति, पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार शामिल थे।

भाजपा की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि टीएमसी के शासन में कानून-व्यवस्था का तंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो गया है और पुलिस तथा राजनीतिक नेतृत्व के साथ साठगांठ से राज्य में माफिया का शासन है।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘‘राज्य सरकार प्रायोजित जबरन वसूली, कट मनी और तोलाबाजी’’ बीरभूम हिंसा की मुख्य वजहें थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और अखिल भारतीय पुलिस व प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को कानून का राज स्थापित करने संबंधी नियमों का पालन करने का निर्देश देना चाहिए।

भाजपा की इस रिपोर्ट पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा उन सभी लोगों को गिरफ्तार कर लेना चाहती है जो उसके खिलाफ हैं।

बनर्जी ने भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि रिपोर्ट में टीएमसी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के नाम का उल्लेख है, जो “स्पष्ट रूप से भाजपा के प्रतिशोधपूर्ण रवैये” को दर्शाता है।

बनर्जी ने दार्जिलिंग में संवाददाताओं से कहा, ”बोगतुई हिंसा पर भाजपा की रिपोर्ट जांच को कमजोर करेगी और इससे तफ्तीश में हस्तेक्षप होगा। मैं भगवा पार्टी के इस रवैये की निंदा करती हूं।”

उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी राजनीतिक दल द्वारा कोई दखल नहीं दिया जाना चाहिए।

बनर्जी ने कहा, “जब जांच चल रही हो तो किसी (राजनीतिक) पार्टी या किसी पक्ष की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए। इस समय पार्टी का हस्तक्षेप सत्ता का दुरुपयोग है जो जांच को विकृत कर सकता है और लोगों का जांच पर से विश्वास उठ जाएगा।”

तृणमूल प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा उन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करना चाहती है जो उसके खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा, “क्या उन्हें (भाजपा) लगता है कि देश में सिर्फ वही एक राजनीतिक दल बचेंगे और रोजाना पेट्रोलियम उत्पादों का मूल्य बढ़ाते रहेंगे? वे (सभी) राजनीतिक दलों को बेदखल करना चाहते हैं। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता।”

उनकी पार्टी के सहयोगियों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच कर रही सीबीआई के साथ सहयोग करने का वादा किया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि भाजपा अगर जांच को प्रभावित करने की कोशिश करती है तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।

बनर्जी ने आरोप लगाया, ”उन्होंने मेरी पार्टी के जिला अध्यक्ष के नाम का उल्लेख किया है। यह पक्षपातपूर्ण और प्रतिशोधी रवैया है। जांच पूरी हुए बिना, वे उनका नाम कैसे ले सकते हैं? यह दर्शाता है कि वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं। यह व्यक्तिगत प्रतिशोध है। वे एक साजिश रच रहे हैं।”

राष्ट्रीय राजधानी में नड्डा को रिपोर्ट सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य को कानून और व्यवस्था की बहाली के लिए तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है क्योंकि “पूर्ण अराजकता” व्याप्त है और राज्य पुलिस सत्तारूढ़ टीएमसी के साथ मिलकर काम कर रही है।

भाजपा की समिति ने आरोप लगाया कि बंगाल दौरे के दौरान उन पर हमला हुआ लेकिन एक भी अधिकारी या सिपाही उनके बचाव में नहीं आया।

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कोलकाता में कहा, “हमारी टीम ने (रिपोर्ट में) लोगों और पीड़ितों के परिवारों से बात करने के बाद जो देखा और सुना है, उसका उल्लेख किया है। तृणमूल कांग्रेस गुस्से में है क्योंकि उसे डर है कि सच्चाई सामने आ जाएगी।”

पश्चिम बंगाल सरकार ने हत्याओं की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था। उच्च न्यायालय ने हालांकि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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