नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 10 बिजली परियोजनाओं को बड़ी परियोजना का प्रमाणन हासिल करने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा कराने की समयसीमा 36 महीने बढ़ाने को मंजूरी दी।
कर लाभ और बिजली आपूर्ति के लिए निविदा प्रक्रिया में शामिल होने के लिए यह दर्जा लाभकारी है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि समयसीमा में बढ़ोतरी से इन परियोजनाओं का विकास करने वालों को भविष्य में पीपीए (बिजली खरीद समझौता) के लिए प्रतिस्पर्धी बोली लगाने और छूट का लाभ मिल सकेगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने कर अधिकारियों को अंतिम ‘मेगा’ प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के उद्देश्य से 10 अस्थायी प्रमाणित परियोजनाओं के लिए समयसीमा को बढ़ाने (36 महीने) की आज मंजूरी दे दी।’’
बयान में कहा गया कि ऐसी 10 अस्थायी बड़ी परियोजनाओं की समयसीमा आयात की तारीख से 120 महीने के बजाय 156 महीने तक बढ़ा दी गई है, जिन्हें कर अधिकारियों द्वारा अंतिम ‘मेगा’ प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए आंशिक रूप से मंजूरी मिली है।
बयान के मुताबिक, सीसीईए ने इन बिजली परियोजनाओं को अधिक समय देने के लिए वृहद बिजली नीति 2009 में संशोधन को मंजूरी दी है।
भाषा पाण्डेय अजय
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