कोलंबो, 29 मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका के तमिल नेताओं की राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ पहली बातचीत को ‘सकारात्मक घटनाक्रम’ बताते हुए कहा कि भारत एकीकृत श्रीलंका के ढांचे में तमिलों की समानता, न्याय, शांति और गरिमा की आकांक्षाओं को साकार करने का लगातार समर्थक रहा है।
श्रीलंका शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता और सात राष्ट्रों वाले बीआईएमएसटीईसी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार रात को यहां पहुंचे जयशंकर ने सोमवार को मुख्य तमिल पार्टी-तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) और तमिल प्रोग्रेसिव अलायंस (टीपीए) के नेताओं से मुलाकात की। टीएनए के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई आर सम्पंथन ने की।
यहां भारतीय दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, टीएनए के प्रतिनिधिमंडल ने जयशकंर को ताजे घटनाक्रम से अवगत कराया, जो 25 मार्च को सरकार और टीएनए की बीच हुई बैठक पर केंद्रित था।
विज्ञप्ति के मुताबिक, उन्होंने बताया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ बैठक के दौरान राजनीतिक कैदियों की रिहाई, भूमि उपयोग, लापता लोग, 13वें संशोधन को लागू करने, प्रवासियों के निवेश को लेकर चर्चा हुई।
टीएनए और सरकार के बीच 2019 के बाद पहली बार पिछले हफ्ते बैठक हुई थी।
सरकार की टीएनए के साथ वार्ता का जिक्र जयशंकर की राष्ट्रपति राजपक्षे के साथ सोमवार को हुई मुलाकात के दौरान भी हुआ।
मंत्री को श्रीलंकाई समकक्ष प्रोफेसर जीएल पेइरिस ने इस विषय पर अधिक विस्तृत जानकारी दी।
विज्ञप्ति के मुताबिक, जयशंकर ने सरकार-टीएनए के एजेंडे के संबंध में इस तरह की सभी वार्ताओं को सकारात्मक घटनाक्रम बताते हुए उनका स्वागत किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सरकार एकीकृत श्रीलंका के ढांचे में तमिलों की समानता, न्याय, शांति और गरिमा की उनकी आकांक्षाओं को साकार करने का लगातार समर्थक रही है।
उसमें कहा गया है कि उत्तर और पूर्व में आर्थिक सुधार में भारत की विकास साझेदारी के योगदान को भी सभी बैठकों में मान्यता दी गई। विज्ञप्ति के मुताबिक, जयशंकर ने जाफना सांस्कृतिक केंद्र के डिजिटल माध्यम से उद्धाटन में विशेष तौर पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति राजपक्षे के साथ मिलकर केंद्र का उद्धाटन किया।
जयशंकर ने तमिल प्रोग्रेसिव अलांयस (टीपीए) के नेताओं- मनो गणेशन, थिगाम्बरम, वी राधाकृष्णन, उदय कुमार- से भी मुलाकात की और श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की।
शुक्रवार को राष्ट्रपति राजपक्षे ने अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के नेताओं से देश के पुन:निर्माण में सहयोग की मांग की।
वहीं, मंगलवार को जयशंकर ने पूर्व प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और उन्हें श्रीलंका को दी गई भारत की आर्थिक मदद से अवगत कराया।
उन्होंने श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस के नेता रऊफ हकीम से भी मुलाकात की और देश में मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक घटनाक्रम पर चर्चा की।
मंत्री ने विपक्ष के नेता सजीत प्रेमदासा से भी भेंट की और मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया।
जयशंकर ने ट्वीट किया कि विपक्ष के नेता के साथ एक बार फिर मिलकर अच्छा लगा और भारत-श्रीलंका रिश्तों पर अच्छी चर्चा हुई।
भाषा नोमान दिलीप
दिलीप
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