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Saturday, 23 November, 2024
होमदेशअन्य अधिकारों पर पर्यावरण की प्राथमिकता होनी चाहिए, जंगलों को बचाना होगा : न्यायालय

अन्य अधिकारों पर पर्यावरण की प्राथमिकता होनी चाहिए, जंगलों को बचाना होगा : न्यायालय

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नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को हरियाणा में वन और गैर-वन भूमि के मुद्दों से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पर्यावरण को अन्य अधिकारों पर “प्रभावी होना चाहिए” और जंगलों को संरक्षित किया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने वनों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि शीर्ष अदालत की सख्त व्याख्या और प्रतिपादन के कारण वन क्षेत्र बढ़ रहा है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा, “पर्यावरण आपके नागरिक अधिकारों से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

पीठ पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1900, वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रावधानों और फरीदाबाद कॉम्प्लेक्स (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1971 के तहत विकास योजना का हिस्सा बनने वाली भूमि के बीच परस्पर क्रिया के संदर्भ में वन और गैर-वन भूमि के बारे में मुद्दा उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार जंगल और उसके अस्तित्व के बारे में है ताकि भूमि अधिग्रहण के कारण यह गायब न हो। न्यायालय ने कहा कि नगर नियोजन “कुछ भौतिकवादी दृष्टिकोण” है, जबकि वन संरक्षण के मुद्दे का एक अलग दृष्टिकोण है जो पर्यावरण से संबंधित है।

पीठ ने कहा, “जंगल को संरक्षित किया जाना है।” पीठ ने कहा, “यह केवल इस अदालत द्वारा सख्त व्याख्या और प्रतिपादन के कारण है कि वनों का दायरा बढ़ रहा है।”

भाषा

प्रशांत अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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