स्वरा भास्कर जैसे कलाकारों के लिए खड़े होकर बोलना अनुकूल संदर्भ के लिए आरक्षित है। उदारचरित भास्कर एक ‘असफल राज्य’ की प्रगति को स्वीकार करने में नाकाम रहीं।
हाल के एक साक्षात्कार में, बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने पड़ोसी देश को ‘असफल राज्य’ कहकर पाकिस्तान में अपनी ताजा रिलीज की गई फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ पर प्रतिबंध से संबंधित विवाद को नजर अदाज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में उन्होंने इससे बेहतर और कुछ उम्मीद नहीं की थी। हालांकि, दुर्भाग्यवश हम एक ऐसे युग में रहते हैं जहाँ इंटरनेट ‘याद दिलाता है कि आपने पहले क्या किया था’। और इसे आप पसंद करे या नहीं, यह आपके सामने फिर से आकर अपके भेद खोलता है।
पाकिस्तानी वीजे और अभिनेत्री उरवा होकेन ने भास्कर द्वारा लाहौर की यात्रा के दौरान दिए गये साक्षात्कार के एक हिस्से के साथ भास्कर की टिप्पणियों सहित इस साक्षात्कार का एक वीडियो पोस्ट किया। ये दोनों वीडियो क्लिप पाकिस्तान पर अभिनेत्री के विरोधाभासी विचार दिखाते हैं। जबकि पाकिस्तान के एक वीडीयो में उन्हें यह दावा करते हुए दिखाया गया है कि उनके द्वारा अब तक देखे गये शहरों में लाहौर सबसे अच्छा शहर है, हाल ही में भारत के एक वीडयो में उन्हें
आवेशपूर्ण तरीके से पाकिस्तान का अपमान करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने लाहौर में कहा, “मैंने ‘जनाब’ शब्द सीखा क्योंकि मैंने सोचा था कि मुझे यहाँ कुछ शिष्टाचार दिखाना चाहिए।” उन्होंने पाकिस्तान में अपनी फिल्म पर मजबूत भाषा के लिए प्रतिबंध के खिलाफ बहस करते हुए अपने हालिया साक्षात्कार में कहा, ” मुझे पता है, हमारे मुकाबले पाकिस्तानियों की शब्दावली ज्यादा खराब है।”
Need I say more ?! @ReallySwara pic.twitter.com/KvJm2swdCL
— URWA HOCANE (@VJURWA) June 2, 2018
Pakistan is the country that you @ReallySwara referred to,in 2015, as the “Best country you have ever visited” and it has only gotten better in the last few years in every aspect along with when it comes to having bigger hearts and welcoming our guests . 1/3
— URWA HOCANE (@VJURWA) June 2, 2018
हालांकि बाद के ट्वीट में, स्वरा भास्कर ने कहा कि, “पाकिस्तान के लोगों के प्रति उनका सम्मान और सद्भाव हमेशा एक जैसा ही रहा है।”
Thanks Anshul! there should we a distinction between States/ govts of a country & the people of that country. My regard for & goodwill towards the people of #Pakistan remains unchanged. Some of my closest friends are Pakistani. Lahore remains one of my soul cities. ❤️❤️?? https://t.co/JHImDSnwKU
— Swara Bhasker (@ReallySwara) June 4, 2018
तो, वास्तविक स्वरा भास्कर कौन हैं? क्या वह सामने निकल कर आएंगी? या, सामने आकर सिर्फ अपने पक्ष की बात करेंगी? क्या सिनेमा में महिलाओं को एक वस्तु की तरह दर्शाने पर राजनीतिक औचित्य खुले पत्रों में ही दिख सकती है?
यदि नहीं, तो क्या उदारवादी, नारीवादी अभिनेत्री, स्वरा भास्कर की तथाकथित ‘असफल राज्य’ की प्रगति को स्वीकार करने की जिम्मेदारी भी नहीं है? यह वही देश है, जिसने मई में ऐतिहासिक ट्रांसजेंडर बिल पारित किया, जो ट्रांसजेंडर नागरिकों के अनुसार स्वयं की पहचान का अधिकार है।
पाकिस्तान महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस-बलों की भी स्थापना कर रहा है, जो महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, और तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं।
विकास हो रहा है, और इस विकास को न केवल दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के कारण, बल्कि पाकिस्तान में बॉलीवुड प्रेमी उपभोक्ताओं के कारण भी इस विकास को कम आँकना मूर्खतापूर्ण कार्य होगा और ऐसे बयान देकर वह खुद का ही लुकसान कर रहे हैं।
हालांकि, यहाँ पर केवल भास्कर की ही गलती नहीं है। उदाहरण के लिए, हम देश के उन पहलुओं को चुनना पसंद करते हैं जिन पहलुओं का हमें जुनून है।
कई भारतीय, कोक स्टूडियो इंडिया की बजाय कोक स्टूडियो पाकिस्तान को सुनना पसंद करते हैं। स्क्रीन पर भी, पाकिस्तानी टीवी शो ‘जिंदगी गुलजार है’ को शीर्ष भारतीय नाटकों के मुकाबले बेहतरीन रूप में देखा गया था। लेकिन जब सितंबर 2016 में उरी आतंकवादी हमला हुआ तो फिल्मी समूह आगे बढ़ा और सभी पाकिस्तानी अभिनेताओं और गायकों पर बॉलीवुड में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह किस तरह का न्याय था? ऐसा लगता है कि बॉलीवुड के लिए एक ही समय में पाकिस्तान से प्यार करना और नफरत करना सरल है।
इसलिए, अगर पाकिस्तान ने ‘अश्लील भाषा’ के मामले में एक भारतीय फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो याद रखें कि हमने पाकिस्तानी अभिनेताओं को बॉलीवुड में उनकी राष्ट्रीयता पर काम करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
हम भी कौन बहुत प्रगतिशील हैं, सही जनाब?