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Monday, 18 November, 2024
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श्रीलंकाई नागरिक की पीट पीटकर हत्या किये जाने के मामले में सुनवायी अगले महीने तक पूरी होगी: अभियोजक

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(एम जुल्करनैन)

लाहौर, 24 मार्च (भाषा) पाकिस्तान में आतंकवाद रोधी अदालत पिछले साल दिसंबर में पंजाब प्रांत में एक श्रीलंकाई नागरिक की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या किये जाने के मामले में अपनी सुनवायी अगले महीने तक पूरी कर लेगी। यह जानकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दी।

कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित सैकड़ों लोगों की भीड़ ने 3 दिसंबर, 2021 को प्रांतीय राजधानी लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर सियालकोट जिले में कथित तौर पर एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था और उसके 47 वर्षीय महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा की ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी और उसके शव को जला दिया था। भीड़ का आरोप था कि कुमारा ने कुरान की आयतों वाला एक पोस्टर हटा दिया था।

अदालत के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘आतंकवाद रोधी अदालत लाहौर ने बृहस्पतिवार को अभियोजन पक्ष के शेष गवाहों के बयान दर्ज किए और उनकी जिरह भी शुरू हुई। आज कुछ सात गवाहों से जिरह की गई।’’

उन्होंने कहा कि अदालत ने नौ किशोर संदिग्धों की अलग-अलग सुनवाई की कार्यवाही भी की। अधिकारी ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष ने किशोर संदिग्धों का चालान अदालत में पेश किया, जिसने उसे शुक्रवार को अगली सुनवाई पर गवाह पेश करने का निर्देश दिया।’’

एटीसी लाहौर ने एक हफ्ते पहले कुल 80 संदिग्धों को इस भयानक घटना में उनकी कथित भूमिका के लिए अभ्यारोपित किया था, जिसको लेकर देशभर में आक्रोश उत्पन्न हुआ था। अभियोजन पक्ष ने 80 (वयस्क) संदिग्धों के लिए मौत की सजा का अनुरोध किया था।

दूसरी ओर, पंजाब अभियोजन विभाग के सचिव नदीम सरवर ने कहा कि सुनवायी अगले महीने तक समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने आरोपियों की आवाज की विश्लेषण रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने कहा, ‘‘मामले की सुनवाई दैनिक आधार पर चल रही है ताकि इसे तार्किक अंत तक ले लाया जा सके और प्रियंता कुमारा के उत्तराधिकारियों को न्याय दिया जा सके।’’

उप अभियोजक जनरल अस्मतुल्ला खान ने कहा कि एक आरोपी ने कुमारा को दो बार कैंची से मारा, दूसरे ने ईंट से हमला किया, जबकि तीसरे आरोपी ने लकड़ी के डंडे से प्रहार किया, जिससे प्रियंत कुमारा की मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने शेष 80 संदिग्धों के लिए मौत की सजा का अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा, ‘इस सप्ताह सुनवाई शुरू होने के बाद से अब तक 30 से अधिक संदिग्धों ने एटीसी के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए हैं।’ एटीसी न्यायाधीश नताशा नसीम लाहौर की कोट लखपत जेल में दिन-प्रतिदिन आधारा पर मुकदमे की सुनवायी बंद कमरे में कर रही हैं। अभियोजन पक्ष ने 40 गवाहों की सूची, संदिग्धों के वीडियो, डीएनए और फोरेंसिक साक्ष्य सौंपे हैं। आरोपियों ने अपराध में अपनी संलिप्तता के आरोपों से इनकार किया था।

कुमारा पिछले सात वर्षों से सियालकोट जिले में राजको उद्योग में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे।

इस घटना से पूरे पाकिस्तान में आक्रोश उत्पन्न हो गया था और समाज के सभी वर्गों ने इसकी निंदा की थी एवं दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की थी।

भाषा अमित उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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