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Sunday, 6 October, 2024
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रूस पर पाबंदियों से घट सकता है ओएनजीसी, अन्य कंपनियों का निवेश मूल्य : रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) भारतीय कंपनियों का रूस के कच्चे तेल और गैस क्षेत्रों में निवेश मूल्य प्रभावित हो सकता है। इसका कारण आयात पर पाबंदी तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से भविष्य में नकदी सृजन क्षमता पर असर पड़ने की आशंका है। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने बृहस्पतिवार को यह कहा।

सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी), ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) का रूस में तेल एवं गैस उत्पादन संपत्तियों में निवेश है।

रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘रूस पर आयात प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों से भविष्य में इन संपत्तियों से नकदी प्रवाह बाधित हो सकता है। इससे कंपनियों को नुकसान होगा। यानी संपत्ति या नकदी सृजित करने वाली इकाई का मूल्य उससे प्राप्त होने वाली राशि से कम हो जाएगा।

बीपी और शेल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां से हटने का निर्णय किया है। भारतीय कंपनियों ने रूसी निवेश से हटने की घोषणा नहीं की है।

मूडीज ने कहा कि इससे खासकर मौजूदा तेल कीमत परिवेश में निवेश मूल्य में सीमित नुकसान होगा।

भारतीय कंपनियों ने रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में स्थित सखालीन-1 तेल एवं गैस क्षेत्र में 16 अरब डॉलर निवेश किया हुआ है।

मूडीज ने कहा कि उन्हें लाभांश भुगतान प्राप्त करने में बाधा हो सकती है लेकिन कमाई पर प्रभाव उल्लेखनीय नहीं होगा।

उसने कहा, ‘‘अगर रूसी बैंकों को अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस) व्यवस्था से अलग किया जाता है, तो भारतीय कंपनियां रूस में तेल और गैस उत्पादन क्षेत्रों में निवेश पर भविष्य का लाभांश हासिल करने में असमर्थ हो सकती हैं।

मूडीज के अनुसार, ‘‘हालांकि अगर कंपनियां ये नकदी प्राप्त नहीं भी करती हैं, तो उनके वित्तीय सेहत पर कोई उल्लेखनीय असर नहीं होगा।’’

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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