नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) चार्टर्ड अकाउंटेंट का शीर्ष निकाय भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के अध्यक्ष देवाशीष मित्रा ने मंगलवार को कहा कि गलती करने वाले सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है लेकिन सभी को एक तराजू में नहीं तौलना चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि संस्थान के लिए समाज में बनी हुई ‘धारणा’ एक बड़ी चुनौती है।
मित्रा की तरफ से यह टिप्पणी दरअसल कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट के विभिन्न कंपनियों में गलत कार्यों के संबंध में नियामक जांच के दायरे में आने की घटनाओं के बाद की गई है।
उन्होंने यहां मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में 15 साल की अवधि में अपने सदस्यों के खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में आंकड़े साझा किये।
मित्रा ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थान किसी दोषी सदस्यों को नहीं छोड़ेगा। मित्रा ने पिछले महीने संस्थान के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में एक से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है और सभी को एक जैसा नहीं समझना चाहिए।’’
मित्रा ने बताया कि 2007 से दिसंबर 2021 के दौरान सात सदस्यों को गलत काम करने के लिए आईसीएआई की सदस्यता से हटा दिया गया। इसके अलावा 153 चार्टेड अकउंटेंट को छह महीने तक पेशे से दूर रखा गया।
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