नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि भारत के अन्य देशों के साथ किये जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में एक समीक्षा व्यवस्था का प्रावधान शामिल होना चाहिए ताकि साझेदार देश के साथ व्यापार में किसी भी प्रकार के असंतुलन की स्थिति में बीच में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।
वाणिज्य पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि भारत को प्रमुख वैश्विक कंपनियों के लिये वैकल्पिक निवेश गंतव्य बनने को लेकर ‘चाइना प्लस वन’ रणनीति का लाभ उठाने की आवश्यकता है।
इसमें कहा गया है कि यूरोप और अमेरिका की कंपनियों के बीच चीन से अन्य स्थानों पर जाने का रुझान बढ़ रहा है। यह भारत के व्यापार क्षेत्र के लिये अवसर है, जिसका लाभ उठाने की जरूरत है।
समिति ने सिफारिश की है कि रणनीति से लाभ उठाने के लिये एक नीतिगत उपाय तैयार किया जाना चाहिए,
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को उन देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) या तरजीही व्यापार समझौतों का प्रयास करना चाहिए, जो भारत में रणनीति के तहत निवेश की इच्छा रखते हैं।
समिति ने कहा, ‘‘भारत के अन्य देशों के साथ किये जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों में एक समीक्षा व्यवस्था का प्रावधान शामिल होना चाहिए ताकि साझेदार देश के साथ व्यापार में किसी भी प्रकार के असंतुलन की स्थिति में बीच में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।’’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एफटीए को जल्द अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचाना चाहिए ताकि व्यापार संबंधी लाभ उठाया जा सके।
समिति ने आगामी विदेश व्यापार नीति को निर्धारित समयसीमा में लाने पर भी जोर दिया।
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रमण अजय
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