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Saturday, 16 November, 2024
होमगो टू पाकिस्तानधर्म परिवर्तन से इनकार करने पर पाकिस्तान में हिंदू लड़की की हत्या, लोग पीड़िता के लिए मांग रहे न्याय

धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर पाकिस्तान में हिंदू लड़की की हत्या, लोग पीड़िता के लिए मांग रहे न्याय

यूरोपीय संसद के अनुसार, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की 2019 की रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल यहां 1,000 से अधिक जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान में एक 18 साल की हिंदू लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी गई जिसके बाद पाकिस्तान में हिंदू लड़की पूजा कुमारी के लिए न्याय की मांग हो रही है. पूजा की हत्या कर उसका शव सड़क पर फेंक दिया गया था. अब पाकिस्तान में लोग अधिकारियों, राजनेताओं और इमरान खान सरकार को पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिदुंओं के लगातार शोषण के लिए दोषी ठहरा रहे हैं.

पाकिस्तान से आई खबरों में दावा किया गया है कि वाहिद बक्स लशारी नाम का शख्स उससे शादी करने के लिए पूजा का धर्म परिवर्तन कराना चाहता है. इसी मकसद से लाहिरी जबरदस्ती पूजा के घर में घुस गया और उसका अपहरण करने की कोशिश की. पूजा के विरोध करने पर उसने गोली मारकर पूजा की हत्या कर दी.

पुलिस का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन पीड़िता के परिवार वाले हत्यारे के लिए कड़ी सजा चाहते हैं.

सोरथ सिंधु नाम की एक ट्विटर यूजर ने पूजा के लिए न्याय की मांग करते हुए पूछा, ‘क्या एक मासूम लड़की और परिवार की हत्या के लिए एफआईआर ही मात्र न्याय है?’

पूजा कुमारी की हत्या के विरोध में एक वीडियो शेयर करते हुए पाकिस्तानी पत्रकार वींगास ने नेताओं से सवाल किया. ‘मै सोच रही थी कि पाकिस्तान में कितने राजनेताओं ने #PoojaKumari या किसी मानवाधिकार संगठन की निर्मम हत्या की निंदा की है.’

पूजा के लिए न्याय मांगने वालों में वहां के स्थानीय लोग भी शामिल है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें लोगों को ‘इंसाफ दो, दहशतगर्दी बंद करो’ के नारे लगाते देखा जा सकता है.

एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘ऐसी बातों के कारण हमारे देश का नाम वैश्विक स्तर पर खराब होता जा रहा है.’

हालाँकि, त्रिशू नाम के एक उपयोगकर्ता ने दावा किया कि यह घटना अल्पसंख्यकों के शोषण के बारे में नहीं थी.

सिंध में हुई यह पहली घटना नहीं है जिसमें हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की बात सामने आई है. यूरोपीय संसद के मुताबिक, ‘पाकिस्तान की 2019 की रिपोर्ट के मानवाधिकार आयोग में कहा गया है कि औसतन हर साल 1,000 से अधिक जबरन धर्मांतरण होते हैं.’

डॉन की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 से 2020 का डेटा दिखाता है कि इस तरह के अपराध सभी अल्पसंख्यकों और सभी प्रांतों में दर्ज किए गए हैं. 162 केसों के डेटा में नाबालिग लड़कियों के धर्मांतरण की बात पता चली है. पंजाब और सिंध के आंकड़े बताते हैं कि धर्म परिवर्तन करने वाली कम से कम 46 प्रतिशत महिलाएं नाबालिग थीं. जबकि 37 प्रतिशत को लेकर कुछ नहीं बताया गया है. केवल 16 प्रतिशत महिलाएं 18 साल से ऊपर थीं.

2014 में पाकिस्तान की खानपुर तहसील में आठ साल की एक हिंदू लड़की के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. वहीं 2017 में एक 14 वर्षीय हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया और जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया.

पाकिस्तान के ज्यादातर मीडिया घरानों ने हत्या को ज्यादा कवरेज नहीं दिया लेकिन कुछ यूट्यूब चैनलों ने इस पर रिपोर्ट की है.


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