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Friday, 15 November, 2024
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संसदीय समिति का उर्वरक विभाग के लिए पर्याप्त बजटीय आवंटन का सुझाव

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नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने वित्त वर्ष 2022-23 में उर्वरक विभाग के लिए अपर्याप्त बजट आवंटन पर चिंता जताई है। समिति ने वित्त मंत्रालय से आवंटित कोष का समय पर महत्तम इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए बजट में ही पर्याप्त धन आवंटित करने को कहा है।

रसायन और उर्वरक पर संसद की स्थायी समिति ने ‘अनुदान मांग’ पर अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि उर्वरक विभाग की विभिन्न योजनाएं और नीतियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के मकसद से वर्ष 2022-23 में 1.76 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित मांग के मुकाबले 1.09 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘…बजटीय आवंटन में 67,518.36 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। यह राशि विभाग की अनुमानित जरूरतों का 38 प्रतिशत है।’’

विभाग के अनुसार, आवंटित राशि वर्ष 2022-23 के लिए सब्सिडी कोष की अनुमानित जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता का पुनर्मूल्यांकन संशोधित अनुमान/अनुपूरक मांग के समय कच्चे माल और उर्वरकों की कीमतों के आधार पर किया जाएगा।

हालांकि, संशोधित अनुमान (आरई) के चरण से पहले का खर्च बजटीय आवंटन के आधार पर ही किया जाता है। संशोधित अनुमान को ज्यादातर हर साल दिसंबर तक अंतिम रूप दिया जाता है और इसे अनुदान के लिए पूरक मांगों की दूसरी किस्त के माध्यम से विनियमित किया जाता है।

इसलिए आरई चरण में स्वीकृत धनराशि ज्यादातर वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान ही विभाग तक पहुंचती है।

वर्ष 2021-22 के दौरान बजट अनुमान स्तर पर कुल 84,041.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसे बढ़ाकर संशोधित अनुमान (आरई) चरण में 1.49 लाख करोड़ रुपये किया गया। यह बजट अनुमान की तुलना में लगभग 78 प्रतिशत की वृद्धि थी। इतनी देर से कोष के प्रवाह के चलते उर्वरक विभाग 31 जनवरी, 2022 तक केवल 1.17 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सका।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘… वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित आवश्यकता और बजटीय आवंटन के बीच के अंतर की वजह से अंततः यूरिया और पीएंडके उर्वरक सब्सिडी दोनों के संबंध में दावों के भुगतान/निपटान में देरी हो सकती है और कुल मिलाकर इससे उर्वरक क्षेत्र के वित्तीय प्रदर्शन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।’’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति, इसलिए, सिफारिश करती है कि उर्वरक विभाग को अपनी बजटीय योजना प्रक्रिया को मजबूत करना चाहिए और धन की सटीक मांग के साथ सामने आना चाहिए ताकि वित्त मंत्रालय को सब्सिडी योजना में बिना किसी कटौती किये अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बीई स्तर पर ही अपनी जरूरतों के लिए धन आवंटित करने को राजी किया जा सके।’’

किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के महत्व को ध्यान में रखते हुए समिति ने यह भी सुझाव दिया कि वित्त मंत्रालय को इस विभाग को प्राथमिकता का दर्जा देना चाहिए और बीई स्तर पर ही विभाग द्वारा आवश्यक धन आवंटित करने का प्रयास करना चाहिए। इससे विभाग द्वारा धन का समय पर और महत्तम उपयोग करने में सुविधा होगी और अंततः देश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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