नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया इस महीने के अंत तक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी एक डिजिटल शिखर बैठक में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश पैकेज की घोषणा करने वाले हैं.
महत्वाकांक्षी ‘मुक्त व्यापार समझौता’ (एफटीए) के प्रथम चरण को संभवतया अंतिम रूप दिये जाने की पुष्टि रविवार को आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल ने की.
ओ फारेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस महीने के अंत तक प्रथम चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर आशान्वित हैं.’’
इस समय दोनों देशों का व्यापार अनुमानत: 12 अरब अमेरिकी डॉलर का है और उम्मीद की जा रही है कि वस्तुओं और सेवाओं पर प्रथम चरण के समझौते के साथ ही इसमें वृद्धि होगी.
मोदी और मॉरिसन के बीच जून 2020 में हुई पहली डिजिटल शिखर बैठक के बाद सोमवार को बैठक होने वाली है. उस वक्त भारत-आस्ट्रेलिया संबंध को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक ले जाया गया था.
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन भारत और ऑस्ट्रेलिया के ‘‘शीर्ष स्तर की साझेदारी’’ को प्रतिबिंबित करेगा और दर्शाएगा कि वे तेजी से बदलती दुनिया में वृहद महत्वाकांक्षा की पूर्ति और व्यावहारिक प्रगति के लिए तैयार हैं.
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि मॉरिसन भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की एक निवेश योजना की घोषणा करेंगे. इसमें स्वच्छ प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग के लिए 183 करोड़ रुपये तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में संबंध बढ़ाने के लिए 136 करोड़ रुपये शामिल हैं.
बैठक में दोनों पक्षों के ‘दुर्लभ खनिज’ के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक विशेष घोषणा करने की उम्मीद है. आस्ट्रेलिया वैश्विक लिथियिम उत्पादन का 55 प्रतिशत उत्पादित करता है और उसके पास विश्व के लिथियम भंडार का करीब 20 प्रतिशत है.
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के जल्द ही ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर जाने की संभावना है ताकि वह दुर्लभ पृथ्वी खनिजों से जुड़ी परियोजनाओं की संभावनाओं को टटोल सकें.
सूत्रों ने बताया कि 152 करोड़ रुपये का कुल पैकेज अलग से नए केंद्र स्थापित करने के लिए रखा जाएगा जो द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेंगे, 97 करोड़ रुपये अलग से कौशल विकास के लिए और 136 करोड़ रुपये अंतरिक्ष में सहयोग बढ़ाने के लिए होगा.
उन्होंने बताया कि 1500 करोड़ रुपये का निवेश ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंध में किया गया सबसे बड़ा निवेश होगा.
सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच युवा रक्षा अधिकारियों के आदान-प्रदान के कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का नाम भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत के नाम पर होने की संभावना है जिनकी मौत पिछले साल दिसंबर में हेलीकॉप्ट दुर्घटना में हो गई थी.
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