श्रीनगर, 18 मार्च (भाषा) माकपा के नेता एम. वाई. तारिगामी ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों का पलायन कश्मीर के इतिहास का एक दुखद अध्याय है, लेकिन ”राजनीतिक लाभ” के वास्ते खूनखराबे को दर्शाना देश और जनता के लिए खतरनाक है।
उन्होंने हाल में रिलीज हुई फिल्म ”द कश्मीर फाइल्स” को लेकर उपजे विवाद के मद्देनजर यह टिप्पणी की। फिल्म 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है।
तारिगामी ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कश्मीर में लोगों के साथ हुईं त्रासदियों को वस्तुपरक रूप से पेश करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ”यह हमारा दुर्भाग्य है कि कश्मीर पिछले कई दशकों से लगातार एक दुखद स्थिति से गुजर रहा है, और कश्मीर की पहचान को धूमिल करने वाली सबसे शर्मनाक घटना है- हमारे समाज के एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्से का पलायन, डर के मारे अपने घर छोड़कर चले गए कश्मीरी पंडित। इसमें कोई शक नहीं कि यह हमारे इतिहास का एक दुखद अध्याय है।”
माकपा नेता ने कहा कि तथ्य यह भी है कि हिंसक तत्वों ने किसी धर्म विशेष के लोगों को बाहर नहीं किया था।
उन्होंने कहा, ”मैं उन तत्वों से केवल एक ही बात कहना चाहता हूं कि जो कश्मीरी खून को विभिन्न बाजारों में बेचकर व्यापार कर रहे हैं, कृपया इसे बंद करें। जो भी मारा गया, वह जिस भी धर्म का था, लेकिन वह एक कश्मीरी था।”
माकपा नेता ने कहा कि ”राजनीतिक लाभ के इरादे से रक्तपात को दर्शाना देश, लोगों और कश्मीर के लिए खतरनाक है।”
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जोहेब सुरेश
सुरेश
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