कोलकाता, 16 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन से लौटे चिकित्सा विद्यार्थियों को भारतीय महाविद्यालयों में समायोजित करने का अनुरोध करते हुए उन्हें पत्र लिखा।
इस युद्ध प्रभावित देश से लौटे पश्चिम बंगाल के विद्यार्थियों से भेंट करने के बाद बनर्जी ने प्रधानमंत्री ने उनके लिए नियमों को ढील देने की अपील की और कहा कि ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि यह ‘असाधारण स्थिति’ है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कई सुझाव दिये जिनमें पात्र विद्यार्थियों को चिकित्सा मेडिकल महाविद्यालय में इंटर्नशिप की अनुमति देना भी शामिल है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘ अन्य विद्यार्थियों के लिए….. उन्हें निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में समान स्तर पर वर्तमान सीटों पर दाखिले की अनुमति दी जाए तथा इन चिकित्सा महाविद्यालयों को समान संख्या में सीटें बढ़ाने की इजाजत दी जाए।’’
बनर्जी ने कहा कि चूंकि चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए जरूरी नीट परीक्षा ये विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हुए हैं इसलिए ऐसे में सुझाव है कि उन्हें समायोजित करने के लिए ‘बहुत विशेष स्थिति के रूप में’ प्रासंगिक दिशानिर्देश शिथिल किये जाएं।
उन्होंन कहा, ‘‘ राज्य के निजी चिकित्सा महाविद्यालय इन विद्यार्थियों को राज्य कोटा फीस पर समायोजित करने पर राजी हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने इन विद्यार्थियां को उनके पाठ्यक्रम शुल्क को उठाने के लिए वित्तीय सहायता देने का भी फैसला किया है। ’’
बनर्जी ने तीन पन्नों के पत्र में कहा, ‘‘ मैं आपसे यह भी अनुरोध करती हूं कि चूंकि अन्य राज्यों में लौटे विद्यार्थी भी ऐसी ही परेशानी से गुजर रहे हैं, ऐसे में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा संभवत: उठाये जाने वाले कदम अन्य राज्यों में भी लागू किये जाएं।’’
भाषा राजकुमार उमा
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