शिलांग/इंफाल, 16 मार्च (भाषा) मणिपुर के भाजपा नेतृत्व के मुख्यमंत्री पद का दावा करने के लिए दिल्ली जाने के बीच एनपीपी नेता कोनराड के संगमा इस संकेत से अप्रसन्न जान पड़ रहे हैं कि भाजपा एकदलीय सरकार के गठन की दिशा में आगे बढ़ेगी। संगमा मणिपुर में गठित होने वाली भाजपा नीत सरकार में जगह पाने के लिए इंफाल गये थे।
संगमा ने कहा कि यदि मणिपुर में उनकी पार्टी को सरकार में शामिल नहीं किया जाता है तो वह स्थिति की ‘समीक्षा’ करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 32 सीटें जीतकर सामान्य बहुमत हासिल कर लिया है और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भी सात सीटें जीती हैं।
उन्होंने शिलांग में पत्रकारों से कहा, ‘‘ इस क्षेत्र में भी बतौर राष्ट्रीय दल एनपीपी नेडा (पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन) का हिस्सा है। यदि भाजपा हमें मणिपुर में सरकार गठन में निमंत्रित करती है तो हमें खुशी होगी। यदि स्थिति ऐसी बनती है कि हम वहां सरकार का हिस्सा नहीं बन पाते हैं तो हम मामले की समीक्षा करेंगे।’’
एनपीपी ने राजग का हिस्सा होने तथा मेघालय में सरकार में भाजपा के शामिल होने के बाद भी भी भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठजोड़ नहीं किया था । भाजपा नेता एन बिरेन सिंह पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह भाजपा नीत सरकार में एनपीपी को साथ लेने के पक्ष में नहीं हैं , जबकि नगा पीपुल्स फ्रंट को नयी सरकार में जगह मिलने की संभावना है।
मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा, ‘‘ मणिपुर के संदर्भ में भाजपा के पास बहुमत है। निर्णय उसका ही होगा। यदि वह निमंत्रित करतती है तो हम निश्चित ही सरकार में शामिल होंगे।’’
मणिपुर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह और पूर्व लोक निर्माण मंत्री टी विश्वजीत सिंह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ चर्चा के लिए मंगलवार को दिल्ली गये थे। विश्वजीत सिंह को भी कई लोग मुख्यमंत्री के भावी उम्मीदवार के रूप में देखते हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी भी राज्य में नयी सरकार के गठन से पहले दिल्ली में हैं ।
केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद पार्टी की केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण एवं सह पर्यवेक्षक केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू के मुख्यमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया के निरीक्षण के लिए इंफाल पहुंचने की संभावना है।
भाषा राजकुमार उमा
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