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Monday, 30 September, 2024
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सारा जोसेफ को उनके उपन्यास ‘बुधिनी’ के लिए मिला पुरस्कार

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नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) मलयालम लेखिका सारा जोसेफ को उनके उपन्यास ‘बुधिनी’ के लिए बुधवार को ‘शी द पीपल्स’ का महिला लेखक पुरस्कार 2021 देने की घोषणा की गई।

संगीता श्रीनिवासन द्वारा मलयालम से अनुवादित इस किताब को प्रीति गिल, जी संपत और लक्ष्मी सुबोध के चयन मंडल ने अंतिम रूप से चयनित छह किताबों की सूची से चुना है।

गिल के अनुसार, ‘‘बुधिनी की कहानी भारत को समेटे हुए है, एक ऐसा भारत जो अभी भी काफी हद तक अज्ञात और खामोश है, जिसकी कहानियां अभी भी हमारी तथाकथित मुख्यधारा का हिस्सा नहीं हैं। यह कहानी भारत के बारे में हमारी धारणा और समझ को समृद्ध करती है।’’

अंतिम रूप से चयनित अन्य किताबों में ‘‘ए मिरर मेड ऑफ रेन’’ (नाहीद फिरोज पटेल), ‘‘ए रेड-नेक्ड ग्रीन बर्ड’’ (अंबई, जीजेवी प्रसाद द्वारा अनुवादित, सिस्टरहुड ऑफ स्वान्स (सेल्मा कार्वाल्हो), ‘‘द बेगम एंड द दास्तान’’ (तराना खान) और वाट वी नो अबाउट हर’’ (कृपा जीई) शामिल हैं।

पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित किताब ‘‘बुधिनी’’ एक वास्तविक घटना को केंद्र में रखकर लिखी गई है जब जवाहरलाल नेहरू ने 1959 में दामोदर नदी पर एक बांध का उद्घाटन करने के लिए झारखंड का दौरा किया था। दामोदर घाटी निगम द्वारा पंद्रह वर्षीय बुधिनी को प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए चुना गया था। बुधिनी ने नेहरू को माला पहनाई, जिसके लिए उन्हें उनके गांव से बहिष्कृत कर दिया गया क्योंकि इसे विवाह के रूप में देखा गया था।

नारीवादी कार्यों के लिए चर्चित जोसेफ साहित्य अकादमी पुरस्कार समेत कई पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं।

भाषा आशीष उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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