scorecardresearch
Monday, 7 October, 2024
होमदेशहिजाब विवाद में अदृश्य हाथ, सामाजिक शांति व सौहार्द बिगाड़ने की साजिश : उच्च न्यायालय

हिजाब विवाद में अदृश्य हाथ, सामाजिक शांति व सौहार्द बिगाड़ने की साजिश : उच्च न्यायालय

Text Size:

बेंगलुरु, 15 मार्च (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आशंका जताई है कि हिजाब विवाद के पीछे ‘अदृश्य हाथ’ है, जिसका उद्देश्य सामाजिक शांति और सौहार्द को बिगाड़ना है।

अदालत ने इस मामले को तूल दिये जाने को लेकर भी अपना असंतोष जताया।

मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जे. एम. खाजी की तीन-सदस्यीय पूर्ण पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘जिस तरीके से हिजाब विवाद सामने आया उससे इस बहस को बल मिलता है कि कुछ ‘अदृश्य हाथ’ सामाजिक शांति और सौहार्द बिगाड़ने के लिए लगे हैं। (इसे) अधिक विस्तार में कहने की जरूरत नहीं है।’’

पूर्ण पीठ ने उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी बालिका कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें उन्होंने हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति मांगी थी।

अदालत ने हालांकि, यह स्पष्ट कर दिया कि वह मामले की पुलिस जांच पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमने पुलिस की ओर से सीलबंद लिफाफों में पेश दस्तावेजों और वापसी प्रतियों पर गहनता से विचार किया है। हम मामले में त्वरित एवं प्रभावी जांच चाहते हैं, ताकि दोषियों के खिलाफ अविलंब मुकदमा चलाया जाए।’’

न्यायाधीशों ने कहा कि 2004 से ड्रेस कोड को लेकर सब ठीक चल रहा था। उन्होंने कहा कि वे इस बात से प्रभावित थे कि यहां तक कि मुस्लिम लोग भी उडुपी में ‘अष्ट मठ सम्प्रदाय’ के समारोहों में हिस्सा लेते रहे हैं, जहां आठ मठ स्थित हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हम बहुत ही निराश हैं कि कैसे अचानक और शैक्षणिक सत्र के बीच में हिजाब का मुद्दा शुरू हो गया और इतना तूल पकड़ लिया।’’

अदालत ने इस विवाद में कट्टर इस्लामिक संगठनों के शामिल होने और भारत के इस्लामीकरण के लिए कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों की फंडिंग की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एजेंसी) से जांच कराने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई से भी इनकार कर दिया।

भाषा सुरेश अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments