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Monday, 23 December, 2024
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शेयर बाजारों में पांच दिन से जारी तेजी पर विराम, सेंसेक्स 709 अंक लुढ़का

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मुंबई, 15 मार्च (भाषा) शेयर बाजारों में पिछले पांच कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर मंगलवार को विराम लगा और वैश्विक स्तर पर बिकवाली के बीच दोनों मानक सूचकांक… बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी भारी गिरावट के साथ बंद हुए। यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न अनिश्चितताओं के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को लेकर महत्वपूर्ण बैठक से पहले निवेशकों ने जोखिम वाली संपत्तियों से दूरी बनाई।

कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा विदेशी पूंजी की निकासी से भी धारणा प्रभावित हुई।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 200 अंक से अधिक लाभ में था। लेकिन बाद में इसमें गिरावट आयी। दोपहर के कारोबार में यह काफी नीचे चला गया। लेकिन अंत में यह 709.17 अंक यानी 1.26 प्रतिशत टूटकर 55,776.85 अंक पर बंद हुआ।

इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 208.30 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,663 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील का शेयर 4.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा टेक महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज लि., और पावर ग्रिड भी नुकसान में रहें।

दूसरी तरफ, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति सुजुकी 2.31 प्रतिशत तक मजबूत हुए। ये कंपनियां उन 75 कंपनियों के शामिल हैं, जिनके आवेदन को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत मंजूरी मिली है।

लाभ में रहने अन्य शेयरों में नेस्ले इंडिया, एशियन पेंट्स, टाइटन और भारती एयरटेल शामिल हैं।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ‘‘रूस पर गैस आयात की पाबंदी के साथ नये वित्तीय और व्यापार प्रतिबंधों से दुनिया के बाजारों में तेजी के रुख पर प्रतिकूल असर पड़ा है। यह युद्धविराम की उम्मीद में सुधर रहे बाजार के लिये झटका है…।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले दुनिया के अन्य प्रमुख बाजारों में भी गिरावट रही।’’

फेडरल रिजर्व की बुधवार को बैठक होगी। ऐसी संभावना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में लाने को लेकर 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दरों में वृद्धि करेगा।

ट्रेडिंगों के संस्थापक पार्थ न्यति ने कहा, ‘‘फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक से पहले कमजोर वैश्विक रुख और अमेरिका में बांड प्रतिफल बढ़ने के बीच घरेलू शेयर बाजारों में पांच दिन से जारी तेजी पर विराम लगा। बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार को होगी। रूस-यूक्रेन संकट के अलावा यह दूसरी महत्वपूर्ण गतिविधि है, जिस पर बाजार प्रतिभागियों की नजर है।’’

एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट महामारी को काबू में लाने के लिए फिर लगाये गये ‘लॉकडाउन’ की चिंता के बीच भारी नुकसान में रहे। जापान के निक्की में मामूली तेजी रही।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को लेकर होने वाली बैठक से भी धारणा प्रभावित हुई है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 6.11 प्रतिशत लुढ़ककर 100.4 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर आठ पैसे टूटकर 76.62 पर आ गयी।

शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 176.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

इस बीच, सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में आठ महीने के उच्चस्तर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह लगातार दूसरा महीना है जब खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। वहीं कच्चे तेल और गैर-खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी से थोक मुद्रास्फीति उछलकर 13.11 प्रतिशत पर पहुंच गयी।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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