नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में वंशवादी राजनीति पर कड़े तेवर अपनाते हुए कहा कि, यदि भाजपा सांसदों के बच्चों को टिकट नहीं देना पाप है तो ‘हां, मैंने यह पाप किया है.’
इस साल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के कुछ ही समय बाद ही सोमवार से संसद का बजट सत्र फिर से शुरू होने के बाद भाजपा संसदीय दल की यह पहली बैठक है.
बैठक में शामिल भाजपा सांसदों ने कहा कि मोदी ने भाजपा सांसदों को एक ‘कड़ा संदेश’ देते हुए साफ कर दिया कि ‘पार्टी में वंशवादी राजनीति और भाई-भतीजावाद कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’ बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने इसी महीने रिलीज फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के पक्ष में भी आवाज उठाई और कहा कि इसे खारिज करने की कोशिश की जा रही है.
सांसदों ने बताया कि वंशवादी राजनीति पर मोदी ने कहा कि यह उनकी वजह से ही हुआ कि कई सांसदों के बेटे-बेटियों को विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित कर दिया गया.
सांसदों ने उन्हें यह कहते उद्धृत किया, ‘हमारे सांसदों के बेटे-बेटियों और अन्य परिजनों को टिकट नहीं दिया गया, क्योंकि ये वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देता है और इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं. वंशवादी राजनीति जातिवाद को भी बढ़ावा देती है…इसलिए ऐसी राजनीतिक पार्टियां ही इसके लिए जिम्मेदार हैं.’
सांसदों ने कहा कि मोदी ने वंशवाद की राजनीति को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया. उन्होंने सांसदों से आगे यह भी कहा कि भाजपा ‘अन्य राजनीतिक दलों’ में भी भाई-भतीजावाद और वंशवाद की राजनीति के खिलाफ लड़ेगी.
मोदी का हवाला देते हुए एक सांसद ने कहा कि पीएम ने ‘इस तथ्य को दोहराया कि कोई और नहीं बल्कि राजनेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट से वंचित करने के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं और उन्होंने इस पर खास जोर दिया कि पार्टी में भाई-भतीजावाद कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’
सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए बैठक में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों और अन्य नेताओं ने मोदी का जोरदार स्वागत किया.
सूत्रों ने बताया कि जब मौजूदा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी को माला पहनाने की कोशिश की, तो उन्होंने उन्हें अपने सामने बुला लिया और पहले नड्डा का माला पहनाकर स्वागत करने को कहा. यह कदम भाजपा की जीत में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की भूमिका को महत्व देने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
एक दूसरे सूत्र ने मोदी को यह कहते उद्धृत किया कि ‘जातिवाद की राजनीति’ अब खात्मे के कगार पर है. प्रधानमंत्री उस समय विधानसभा चुनावों का जिक्र कर रहे थे.
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मोदी चाहते हैं ‘द कश्मीर फाइल्स जैसी और फिल्में बनें’
एक अन्य सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री ने ‘युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की निकासी के मुद्दे का राजनीतिकरण करने’ के लिए विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की आलोचना भी की.
सूत्र ने बताया, ‘मोदी जी ने कहा, लोगों को सांत्वना देने और अपना काम करने के बजाये विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्य के छात्रों को निकालने के लिए केंद्र को पत्र लिख रहे थे. केवल भाजपा ही यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों तक पहुंची.’
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाजपा सांसदों को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ और देश की स्थिति के बारे में जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने निकासी अभियान की पूरी प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों के प्रयासों की सराहना की.
भाजपा के एक सांसद के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने विवादास्पद फिल्म द कश्मीर फाइल्स का समर्थन करते हुए कहा कि एक पूरा पारिस्थितिकी तंत्र सच्चाई को दबाने की कोशिश कर रहा है.
विवेक रंजन अग्निहोत्री की बनाई फिल्म, उस हिंसा को चित्रित करने का प्रयास करती है जिसकी वजह से तीन दशक पहले आतंकवाद के चरम पर होने के दौरान घाटी से कश्मीरी पंडितों को पलायन पर बाध्य होना पड़ा था.
सूत्र ने बताया कि मोदी ने कहा कि ऐसी फिल्में बननी चाहिए ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके.
प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया है, ‘जो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने पिछले कुछ दिनों में अपनी सोच-समझ खो दी है. तथ्यों और कला के आधार पर फिल्म का मूल्यांकन करने के बजाये, उन्होंने फिल्म को बदनाम करने के लिए बाकायदा एक अभियान चला रखा है.’ उन्होंने आगे यह भी कहा, ‘मेरा मुद्दा कोई एक फिल्म नहीं है. बल्कि मेरी चिंता यह है कि जो कुछ भी सच है उसे देश की भलाई के लिए सही तरीके से सामने लाने की जरूरत है.’
अन्य बातों के अलावा, प्रधानमंत्री ने सांसदों से यह भी कहा कि वे उन बूथों का आकलन करें जो पार्टी ने अपने क्षेत्रों में खोए हैं और इसके पीछे के कारणों पर एक रिपोर्ट तैयार करें, ‘ताकि उचित कदम उठाए जा सकें.’
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