अमरावती, 14 मार्च (भाषा) आंध्र प्रदेश विधानसभा में सोमवार को उस समय अप्रत्याशित स्थिति देखने को मिली, जब हाउस मार्शल ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायकों के साथ वस्तुत: हाथापाई की और उन्हें दूर धकेल दिया। इसके बाद तेदेपा के पांच सदस्यों को सदन से बजट सत्र की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
तेदेपा विधायकों का यह निलंबन सदन में सोमवार की सुबह शुरू हुई कार्यवाही के बाद से देखे गए कटुतापूर्ण दृश्यों की परिणति थी। विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल तेदेपा ने पश्चिम गोदावरी जिले में अवैध शराब त्रासदी पर तत्काल चर्चा की मांग की। इस घटना में पिछले कुछ दिनों में लगभग 18 लोगों की मौत हो गई थी।
अध्यक्ष ने तेदेपा द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया और उसके विधायकों से नियमित रूप से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अपील की। तेदेपा ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने से इनकार करते हुए उसे बाधित करने की कोशिश की। कार्य संचालन के लिए कोई आदेश नहीं होने के कारण सदन को दो बार स्थगित किया गया।
दूसरे स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर तेदेपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इसके बावजूद तेदेपा के विधायकों ने अपना विरोध जारी रखा।
तेलुगू देशम विधायक दल के उप नेता के अत्चन्नायडू, निम्माला रामानायडू, वरिष्ठ सदस्य गोरंतला बुचैय्या चौधरी, पय्यावुला केशव और डी बी वी स्वामी को निलंबित किया गया है।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि उपमुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) ए के के श्रीनिवास इस प्रकरण पर बयान देंगे। तेदेपा सदस्यों ने अवैध शराब त्रासदी के तथ्यों को सामने लाने के लिए चर्चा पर जोर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने हालांकि इसकी अनुमति नहीं दी, जबकि विधायी मामलों के मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को एक अलग प्रारूप में उठा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष टी सीताराम द्वारा तेदेपा के पांच सदस्यों को निलंबित किए जाने के बाद बिना बुलाए मार्शल (सादे कपड़े के पुलिसकर्मी) सदन में दौड़ पड़े।
इसके बाद टी सीताराम के निर्देश पर, मार्शल ने निलंबित तेदेपा सदस्यों को सदन से बाहर धकेलने की कोशिश की और वरिष्ठ विधायक पय्यावुला केशव को बाहर कर दिया। मार्शल ने एक अन्य वरिष्ठ सदस्य गोरंतला बुचैया चौधरी को उठाने और ले जाने की कोशिश की, लेकिन चौधरी ने इसका विरोध किया और वह खुद बाहर चले गए।
इसके बाद निलंबित किए गए तेदेपा के अन्य विधायक भी सदन से बाहर चले गए।
भाषा रवि कांत दिलीप
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