तापी, 13 मार्च (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सहकारिता क्षेत्र भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में सबसे ज्यादा योगदान करने जा रहा है और इस प्रक्रिया में इस क्षेत्र से जुड़़े करोड़ों लोग लाभान्वित होंगे।
सूरत जिला सहकारी दुग्ध उत्पाादक संघ लिमिटेड (सुमूल) के दुग्ध उत्पादकों की सभा को यहां संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मजबूत सहकारी क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में मदद करेगा।
शाह ने सुमूल डेयरी के उद्घाटन एवं शिलान्यास के दौरान कहा, ‘‘मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि आने वाले दिनों में सहकारिता का क्षेत्र पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में सबसे ज्यादा योगदान करने जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि सुमूल मजबूत होता है तो उसके ढाई लाख (सदस्य दुग्ध उत्पादक) लाभान्वित होते हैं। यदि कोई निजी डेयरी मजबूत होता है तो बस पांच लोग लाभान्वित होते हैं । यदि सहकारी क्षेत्र मजबूत होता है, तो देश के किसान, पशुपालक, स्वामी मजबूत होंगे और आत्मनिर्भर भारत का विचार आगे बढ़ेगा।’’
शाह ने श्रोताओं से अपील की कि वे प्रण लें कि वे अगले 25 वर्षों में सहकारी क्षेत्र को दुनिया में सबसे अधिक मजबूत बनायेंगे, जब भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया जाएगा।
शाह ने कहा कि सुमूल 1971 में रोजाना 200 लीटर उत्पादन से बढ़कर अब सात करोड़ रुपये के दूध की प्रति दिन बिक्री करने तक का सफर तय कर चुका है और ढाई लाख सदस्यों के बैंक खातों में पैसे जमा हुए। उन्होंने इसे ‘सहकारिता के सिद्धांत का जादू’ बताया।
केंद्रीय मंत्री ने भारत में सहकारिता आंदोलन के जनक समझे जाने वाले और विश्वविख्यात अमूल के संस्थापक अध्यक्ष त्रिभुवन पटेल के योगदान की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 13 करोड़ किसानों के बैंक खातों में छह-छह हजार अंतरित कर उनकी आय दोगुना करने के लिए काम कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि गुजरात सरकार ने चीनी उत्पादन में निजी क्षेत्र को आने नहीं दिया, जो दर्शाता है कि राज्य में कितना मजबूत और कितना बड़ा सहकारिता क्षेत्र है।
भाषा राजकुमार दिलीप
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