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Monday, 7 October, 2024
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एससी-एसटी कानून को लेकर प्रदर्शन के दौरान दायर सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे : मंत्री

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जयपुर, 11 मार्च (भाषा) राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने शुक्रवार को विधानसभा को आश्वस्त किया कि दो अप्रैल 2018 के विरोध प्रदर्शन के दौरान दायर किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि दो अप्रैल 2018 को देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया था और उस दौरान राज्य में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे।

दलित संगठनों ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर करने के खिलाफ बंद का आह्वान किया था।

जूली ने विधानसभा में मांग संख्या 51 (अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए विशिष्ट संघटक योजना) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार वंचितों के साथ खड़ी है और उनके कल्याण के लिए काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बजट में कई गुना बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने सदन में आश्वस्त किया कि 2 अप्रैल 2018 के मामले में दायर किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

जूली ने बताया कि पालनहार योजना में पिछली सरकार ने अपने पहले तीन वर्षों में 278.15 करोड़ रूपये ही खर्च किये थे, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा अभी तक 1458 करोड़ रूपये खर्च कर बच्चों को मदद पहुंचाई गई है।

उन्होंने कहा कि एससी व एसटी विकास कोष की राशि 100-100 करोड़ रूपये से बढ़ाकर आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 500-500 करोड़ रूपये की गई।

जूली ने दलित दूल्हों को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देने की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी की जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों को रोका जाए। समाज में भेदभाव दूर किया जाए और दलित वर्ग के दूल्हों को घोड़ी पर चढ़ने में बाधा ना डाली जाए।’’

उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्यार्थियों के छात्रवृति संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए नया पोर्टल तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसकी शुरूआत होगी। इससे समस्याओं का तुरंत समाधान होगा।

भाषा कुंज कुंज बिहारी आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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