जोधपुर: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को कहा कि अगर किसानों की ‘मांगें पूरी नहीं की गईं तो, उन्हें मनवाने के लिए वे हिंसा का रास्ता अपना सकते हैं.’
यहां एक कार्यक्रम में मलिक ने कहा, ‘दिल्ली को मेरी सलाह है कि उनके साथ न भिड़े, वे खतरनाक लोग हैं.’ उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों का मुद्दा उठाने के कारण अपना पद खोने का उन्हें कोई डर नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘किसान जो चाहते हैं, उसे हासिल कर लेंगे. अगर यह बातचीत के जरिये नहीं मिला तो, वे लड़कर ले लेंगे. अगर लड़कर नहीं मिला तो वे हिंसा के माध्यम से ले लेंगे.’
केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में करीब एक साल चले किसान आंदोलन के संदर्भ में मलिक ने कहा, ‘उनका मुंह बंद नहीं किया जा सकता. उन्हें पता है कि अपनी मांगें कैसे मनवानी हैं. अगर ये मांगें नहीं मानी गईं तो, वे अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे.’
किसान आंदोलन के मुद्दे पर पहले भी केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चुके मलिक ने कहा कि इसकी आशंका हमेशा रही है कि अगर वह किसानों के बारे में बात करते हैं तो ‘दिल्ली से फोन’ आ सकता है.
राज्यपाल ने कहा, ‘मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के मकान में रहता हूं, इसलिए मैं किसानों के मुद्दे पर मोदी से पंगा ले सकता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी केंद्र से कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन मैं किसानों के लिए अपना पद छोड़ सकता हूं.’
मलिक ने अपनी पुरानी टिप्पणी दोहराते हुए कहा कि पहले भी किसानों के मुद्दे पर जब वह प्रधानमंत्री से मिले थे तो महज पांच मिनट में ही उनकी लड़ाई हो गई थी.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अंगरक्षकों द्वारा हत्या का परोक्ष संदर्भ देते हुए राज्यपाल मलिक ने कहा, ‘मैंने उन्हें कहा कि सिख और जाट कुछ नहीं भूलते. आपको उन्हें कुछ देकर भेजना चाहिए. उन्हें इंदिरा भी याद थीं.’
मलिक जोधपुर में मारवाड़ जाट महासभा के एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे.
भाषा अर्पणा पवनेश
पवनेश
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