नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कारागार सुधार के लिए गठित समिति को छह महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
इस समिति का गठन जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों/बंदियों सहित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करने और उसपर सलाह देने के लिए किया गया है।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने उच्चतम न्यायालय कारागार सुधार समिति को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली केन्द्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया। केन्द्र ने अपनी अर्जी में अनुरोध किया था कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमिताव रॉय नीत समिति से तीन महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा जाए।
उच्चतम न्यायालय के सितंबर 2018 के आदेश का संदर्भ देते हुए महाधिवक्ता के. के. वेणुगोपाल के कहा कि उन्होंने अर्जी में अनुरोध किया है कि अंतिम रिपोर्ट तीन महीने के भीतर सौंपी जाए।
शीर्ष अदालत ने सितंबर 2018 के अपने आदेश में समिति से अनुरोध किया था कि सूचनाएं/आंकड़े जुटाए और इस संबंध में उचित सिफारिश देते हुए 12 महीनों के भीतर रिपोर्ट अदालत को सौंपे।
इस मामले में बतौर न्यायमित्र उच्चतम न्यायालय की मदद कर रहे अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने इस संबंध में दिए गए अपने नोट में कहा कि अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए छह महीने का समय सही रहेगा।
पीठ ने कहा, ‘‘नोट पढ़ने और भारत के महाधिवक्ता की दलील सुनने के बाद हम समिति से अनुरोध करते हैं कि वह आज से छह महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपे। उसके बाद मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें।’’
भाषा अर्पणा अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.