मुंबई, 10 मार्च (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी जाए। साथ ही, कहा कि इस तरह की याचिका विचार करने योग्य नहीं है।
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह और अधिवक्ता हितेने वेनगांवकर (ईडी के वकीलों) ने अदालत से कहा कि मलिक को उपयुक्त कानूनी प्रक्रिया के बाद गिरफ्तार किया गया और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गठित शहर की एक विशेष अदालत द्वारा उनका रिमांड आदेश जारी किया गया।
सिंह ने कहा, ‘‘हमारे(ईडी के) मुताबिक, यह याचिका बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट के तौर पर नहीं टिक सकती। वह (मलिक) इसके बजाय जमानत के लिए अर्जी दायर कर सकते हैं। यह कहना अनुचित होगा कि रिमांड आदेश बगैर सोचे विचारे जारी किया गया। ’’
अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में पिछले हफ्ते दायर अपनी याचिका में मलिक ने दावा किया था कि इस तरह की गिरफ्तारी और बाद में दी गई रिमांड अवैध है तथा अंतरिम राहत की मांग की। साथ ही, उन्होंने उन्हें हिरासत से फौरन रिहा करने का आग्रह भी किया।
न्यायमूर्ति पी बी वारले और न्यायमूर्ति एस एम मंडल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेंगे।
भगोड़े अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धन शोधन की जांच के सिलसिले में राकांपा नेता मलिक को ईडी ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
भाषा सुभाष पवनेश
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