सिवनी (मध्य प्रदेश), नौ मार्च (भाषा) सिवनी जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर छीतापार गांव से लगे जंगल में बाघ के हमले में 50 वर्षीय चरवाहे की मौत हो गई।
वन विकास निगम बरघाट परियोजना, सिवनी के परियोजना अधिकारी दिनेश झारिया ने बुधवार को पीटीआई/भाषा को बताया कि छीतापार गांव के निवासी चरवाहा रघुनाथ उइके का शव जंगल में अलग-अलग टुकड़ों में मिला।
उन्होंने बताया कि उइके आठ मार्च को मवेशियों को जंगल लेकर गया था लेकिन वापस नहीं लौटा जबकि उसके मवेशी चरने के बाद लौट आए। ग्रामीणों ने मंगलवार देर रात तक तलाश की लेकिन चरवाहा नहीं मिला।
झारिया ने बताया कि बुधवार सुबह चरवाहे का सिर व जांघ से नीचे का हिस्सा अलग-अलग टुकड़ों में मिलने के बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे वन विभाग के अमले ने पंचनामा व पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया।
उन्होंने कहा कि नियमानुसार मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने संबंधी आगे की कार्रवाई की जा रही है।
घटना से आक्रोशित ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर एकत्रित हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ बीते कई दिनों से पालतू मवेशियों को शिकार बना रहा था जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई थी लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण चरवाहे की मौत हुई है।
गौरतलब है कि घटनास्थल पेंच टाइगर रिजर्व के रुखड़ बफर जंगल के करीब है, जहां बाघों की आवाजाही बनी रहती है।
भाषा सं दिमो अर्पणा
अर्पणा
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