नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी एजेंसियों और उन सार्वजनिक उपक्रमों की अधिशेष भूमि और इमारतों का मौद्रीकरण करने के लिए राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) की स्थापना को मंजूरी दी है, जिन्हें या तो बेचा जा रहा है या जो बंद होने के कगार पर हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एनएलएमसी को 5,000 करोड़ रुपये की शुरुआती अधिकृत शेयर पूंजी और 150 करोड़ रुपये की चुकता शेयर पूंजी के साथ भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में स्थापित किया जाएगा।
इसमें कहा गया, ‘‘एनएलएमसी सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों तथा अन्य सरकारी एजेंसियों की अधिशेष भूमि और इमारत-भवन जैसी संपत्तियों के मौद्रीकरण का कार्य करेगी।’’
बयान के मुताबिक, गैर-प्रमुख संपत्तियों के मौद्रीकरण के साथ निगम ऐसी संपत्तियों का मौद्रीकरण भी करेगा जिनका या तो इस्तेमाल नहीं हो रहा या समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसके जरिये उल्लेखनीय राजस्व जुटाया जाएगा।
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