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Sunday, 6 October, 2024
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने उम्र सीमा में छूट संबंधी याचिका पर सुनवाई , डीजेएसई परीक्षा टालने का आदेश दिया

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नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उम्मीदवारों के लिए 32 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा में ढील को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा-2022 के लिए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि को पुनर्निर्धारित किया जाए और परीक्षा स्थगित की जाए।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति डी के शर्मा की पीठ ने अपने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष को नोटिस जारी किया और उसे एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले को सात अप्रैल को सूचीबद्ध करें। आवेदन प्राप्त करने की तारीख को सुनवाई की अगली तारीख के बाद की तारीख में बदल दिया जाएगा। इसलिए, परीक्षा आयोजित करने की तारीख भी स्थगित कर दी जाएगी।’’

अदालत ने कहा कि मामले को उसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए जो मुख्य न्यायाधीश का आदेश प्राप्त करने के बाद इसी तरह के मामले को देखती है।

उच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश के पद पर आवेदन के लिए निर्धारित 35 वर्ष की न्यूनतम आयु मानदंड को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चार मार्च को दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा (डीएचजेएस) परीक्षा-2022 को चार सप्ताह के लिए टाल दिया था, जो 20 मार्च को होने वाली थी।

न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति एस के जैन की पीठ ने चार मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष को उसके रजिस्ट्रार और दिल्ली सरकार के कानून एवं न्याय विभाग के माध्यम से नोटिस जारी कर याचिकाओं पर जवाब देने निर्देश दिया था।

डीएचजेएस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 12 मार्च थी, प्रारंभिक परीक्षा 20 मार्च को होने वाली थी। वर्तमान याचिका देविना शर्मा ने दायर की है, जो पेशे से वकील हैं। शर्मा डीजेएस में शामिल होना चाहती हैं और डीजेएसई की परीक्षा में बैठने पर विचार कर रही हैं।

याचिकाकर्ता ने डीजेएसई, 2022 में उपस्थित होने की पात्रता के लिए अधिकतम आयु सीमा में छूट का अनुरोध किया, जिसके लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च थी। प्रारंभिक परीक्षा 27 मार्च को होने वाली थी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उनका जन्म अप्रैल 1989 में हुआ था और वह परीक्षा के लिए आवेदन करने के योग्य नहीं है क्योंकि एक जनवरी, 2022 को वह 32 वर्ष से अधिक आयु की हो गई हैं।’’

याचिका में कहा गया है कि पिछली परीक्षा वर्ष 2019 में आयोजित हुई थी और उसके बाद लगातार दो वर्षों तक, यानी 2020 और 2021 में शायद वैश्विक महामारी यानी कोविड-19 के कारण परीक्षा आयोजित नहीं की गई। यदि उक्त परीक्षा इन दो वर्षों में से किसी एक में आयोजित की गई होती, तो याचिकाकर्ता इन वर्षों में परीक्षा में बैठने की पात्र होती, जिसे दिल्ली न्यायिक सेवा नियम, 1970 के अनुसार प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाना आवश्यक है।

भाषा सुरभि अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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