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Wednesday, 25 September, 2024
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सीतारमण ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई

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बेंगलुरू, आठ मार्च (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यूक्रेन संकट के कारण कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई और संकेत दिया कि केंद्र सरकार वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है।

भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक इकाई द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र में सीतारमण से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन-रूस संघर्ष के प्रभाव के बारे में पूछा गया था।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर होगा।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम इसे एक चुनौती के रूप में लेने और इसके असर को कम करने के लिए कितना तैयार होंगे, यह कुछ ऐसा है, जो हम आगे देखेंगे।’’

उन्होंने कहा कि भारत कच्चे तेल की कुल जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आयात से पूरा करता है और जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो यह चिंता का विषय है।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमें देखना होगा कि यह आगे किस दिशा में जाता है।

उन्होंने बताया कि तेल विपणन कंपनियां 15 दिन के औसत के आधार पर खुदरा कीमतें तय करती हैं, लेकिन ‘‘अब हम जिन आंकड़ों की बात कर रहे हैं, वे औसत से परे हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार कच्चा तेल पाने के लिए किसी वैकल्पिक स्रोत की तलाश कर रही है, लेकिन साथ ही जोड़ा कि वैश्विक बाजार के सभी स्रोत समान रूप से अकल्पनीय हैं।

सीतारमण ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर पड़ेगा, और बजट में कुछ प्रावधान किए गए हैं, लेकिन वे केवल सामान्य उतार-चढ़ाव पर आधारित है, लेकिन अब हालात उससे परे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमें देखना होगा कि हम इसका समाधान कैसे कर सकते हैं।’’

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड मंगलवार को करीब 127 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह पहले से ही (जीएसटी परिषद के समक्ष) है। पेट्रोल और डीजल पहले से ही जीएसटी परिषद में हैं।’’

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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