मुंबई, आठ मार्च (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को कहा कि जब कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे निचले स्तर पर थे तब नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने इसका फायदा लोगों को नहीं दिया, लिहाज़ा रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते उसके पास ईंधन के मूल्यों में वृद्धि करने कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही केंद्र सरकार ईंधन की खुदरा मूल्य में ‘आसन्न वृद्धि’ पर विचार करती हुई प्रतीत हो रही है।
उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़कर 140 डॉलर प्रति बैरल हो गए हैं।
महेश तापसे ने कहा, “ जब कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय मूलय अपने न्यूनतम स्तर पर थे तब तो मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमत कम करके लोगों को कोई राहत नहीं दी थी। लिहाज़ा, मोदी सरकार को कच्चे तेल की कीमतें बढ़ाने का रोना नहीं रोना चाहिए और उसके पास आगामी दिनों में पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा मूल्य में वृद्धि के बारे में सोचने तक का नैतिक अधिकार नहीं है।”
उन्होंने कहा, “ केंद्र सरकार को बोझ को वहन करना चाहिए और पेट्रोलियम उत्पादों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी से नागरिकों को राहत देनी चाहिए।”
भाषा नोमान माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.