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Sunday, 6 October, 2024
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शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला थमा, सेंसेक्स 581 अंक चढ़ा

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मुंबई, आठ मार्च (भाषा) यूक्रेन संकट के असर में चार कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर मंगलवार को विराम लगा और घरेलू शेयर बाजारों के मानक सूचकांक उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बढ़त लेने में सफल रहे। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), फार्मा और रियल्टी कंपनियों को मिले समर्थन से बाजार में यह तेजी आई।

हालांकि, वैश्विक बाजारों का रुख मिला-जुला रहा। यूक्रेन पर रूस का हमला तेज होने के साथ ही रूस पर कई तरह की पाबंदियां लगने से भी बाजारों की धारणा प्रभावित रही।

बीएसई के तीस शेयरों वाले सूचकांक सेंसेक्स की शुरुआत कमजोर रही। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से यह एक समय 581.93 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,260.82 अंक पर आ गया था।

हालांकि, इस स्तर पर बाजार को फिर समर्थन मिला और सेंसेक्स 53,484.26 अंक की ऊंचाई तक जा पहुंचा। कारोबार के अंत में यह 53,424.26 अंक पर बंद हुआ जो पिछले दिवस की तुलना में 581.34 अंक यानी 1.10 प्रतिशत अधिक है।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी उठापटक के बाद 16,013.45 अंक पर बंद हुआ जो 150.30 अंक यानी 0.95 प्रतिशत की बढ़त को दर्शाता है।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से सन फार्मा सर्वाधिक 3.99 प्रतिशत की बढ़त लेने में सफल रही। इसके अलावा टीसीएस, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, विप्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, डॉ रेड्डीज लैब और इन्फोसिस के शेयर भी बढ़त पर रहे।

वहीं टाटा स्टील, नेस्ले, टाइटन कंपनी, पावरग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एसबीआई के शेयर 1.73 प्रतिशत तक के नुकसान के साथ बंद हुए।

व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.46 प्रतिशत की तेजी पर रहा जबकि स्मॉलकैप में 1.33 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “घरेलू सूचकांकों ने गिरावट के रुख को पलटा और फार्मा एवं आईटी जैसे निर्यातोन्मुख क्षेत्रों के दम पर बढ़त लेने में सफल रहे। डॉलर की तुलना में रुपये के भाव रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद इन कंपनियों में लिवाली का रुझान देखा गया। इसके अलावा विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल में अनुकूल नतीजे आने की संभावना से भी बाजार की उम्मीदों को बल मिला।”

प्रमुख पश्चिमी बाजार दोपहर के सत्र में लाभ में रहे, जबकि एशियाई बाजार वैश्विक मुद्रास्फीति दबाव में नीचे आ गए। एशिया के बाजारों में हांगकांग, शंघाई और तोक्यो नुकसान के साथ बंद हुए।

वहीं अमेरिका के शेयर बाजारों में सोमवार को तीव्र गिरावट देखी गई।

इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.87 प्रतिशत उछाल के साथ 126.6 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

एचईएम सिक्योरिटीज के पीएमएस प्रमुख मोहित निगम ने कहा, “बाजार के निचले स्तर पर लिवाली के जोर पकड़ने से मानक सूचकांकों में फिर से तेजी लौटी। यूरोपीय बाजारों के शुरुआती कारोबार भी सुधार का रुख दर्शाते हैं।”

इसके बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। शेयर बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने सोमवार को भी 7,482.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।

भाषा

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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