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Saturday, 28 September, 2024
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महाराष्ट्र विधान परिषद ने सरकार से एमएसआरटीसी हड़ताल का जल्द समाधान निकालने का अनुरोध किया

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मुंबई, आठ मार्च (भाषा) महाराष्ट्र विधान परिषद के अध्यक्ष रामराजे निंबलकर ने मंगलवार को राज्य के परिवहन मंत्री को एमसीटीआरसी के कर्मचारियों की हड़ताल के समाधान के लिये कदम उठाने का निर्देश दिया।

निंबलकर ने भाजपा विधान पार्षदों के इस आरोप के बाद यह निर्देश दिया कि राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों के साथ जारी गतिरोध को खत्म करने में नाकाम रहे हैं।

एमएसआरटीसी के कर्मचारी पिछले साल नवंबर से हड़ताल पर हैं। वे निगम का राज्य सरकार के साथ विलय करने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें सरकारी कर्मचारियों का दर्जा और लाभ मिल सके।

हालांकि राज्य सरकार ने एमएसआरटीसी के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि कर दी है, लेकिन कर्मचारियों ने इस वृद्धि को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और वे विलय की मांग पर अड़े हुए हैं।

चर्चा के दौरान परब ने कहा कि इस मामले की जांच के लिये गठित एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एमएसआरटीसी का राज्य सरकार के साथ विलय संभव नहीं है।

मंत्री ने कहा, ”हमारा भी यही मानना है। हम निगम का राज्य सरकार के साथ विलय नहीं कर सकते। हमने कर्मचारियों से काम पर लौटने की कई अपील की हैं। उनमें से कुछ को बर्खास्त कर दिया गया है। यदि वे अपनी नौकरी वापस पाना चाहते हैं तो उन्हें लिखित अपील देनी होगी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।”

इसपर निंबलकर ने राज्य सरकार से हस्तक्षेप करने के लिये कहा।

उन्होंने कहा, ”गतिरोध को खत्म करने के लिये राज्य सरकार एक समिति गठित कर सकती है या फिर कर्मचारियों को बुलाकर संयुक्त बैठक कर सकती है। काफी समय हो गया है और हमें इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करना चाहिये।”

परब ने कहा कि एमएसआरटीसी 1,740 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है और 12,207 कर्मचारियों को सेवा से निलंबित किया जा चुका है। जबकि 2,126 को बर्खास्तगी पत्र जारी किये गए हैं।

भाषा जोहेब उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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