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Sunday, 6 October, 2024
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यूक्रेन प्रभाव : बेलारूस से भी भारतीय छात्र लौट रहे हैं घर

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(विशु अधाना)

नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) बेलारूस में स्थानीय प्राधिकारियों और विश्वविद्यालयों से आश्वासन के बावजूद वहां पढ़ रहे भारतीय छात्र भी स्वदेश लौटने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें यूक्रेन युद्ध के और फैलने की आशंका है।

यूक्रेन में युद्ध सोमवार को अपने 12वें दिन में प्रवेश कर गया और कीव और मॉस्को के बीच तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। छात्रों ने कहा कि बेलारूस में दहशत है और भारत में उनके परिवार भी उनकी कुशलता के बारे में चिंतित हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23 फरवरी की रात को यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की थी। चारों तरफ से जमीन से घिरे सबसे बड़े यूरोपीय देश और दो युद्धरत देशों की सीमा पर स्थित बेलारूस पर रूस का समर्थन करने का आरोप लग रहा है।

बेलारूसी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिकल छात्र सौरव ने कहा कि उन्होंने और उनके दोस्तों ने 10 मार्च के लिए भारत के लिए उड़ान में टिकट बुक की हैं।

उन्होंने कहा, “हम चिंतित हैं क्योंकि युद्ध समाप्त नहीं हो रहा है। जब यूक्रेन में हिंसा हुई तो बेलारूस में दहशत फैल गई। बेलारूस में कोई हिंसा नहीं हुई है, लेकिन हर कोई चिंतित है। इसलिए, छात्रों ने देश छोड़ने का फैसला किया है।”

उन्होंने कहा, “हमने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से हमें जाने की अनुमति देने का आग्रह किया। इससे पहले, उन्होंने यह कहते हुए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया कि बेलारूस में कोई हिंसा नहीं है। इसलिए, हमने (भारतीय) दूतावास (मिन्स्क में) से संपर्क करने का फैसला किया। दूतावास द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों से बात करने के बाद , उन्होंने हमें जाने दिया।”

सौरव ने कहा कि कुछ छात्र पहले ही बेलारूस छोड़ चुके हैं, जबकि अन्य टिकट बुक करने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उनकी कीमतें दोगुनी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जो लोग वहां रहना चाहते हैं, उन्हें “जरूरत पड़ने पर निकाला जाएगा”।

केरल में एक छात्र समन्वयक प्रफुल्ल चंद्रन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर बात करते हुए कहा कि छात्र चिंतित हैं और उनके माता-पिता की चिंताओं ने उन्हें बेलारूस छोड़ने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा, “बेलारूस में कोई हिंसा नहीं हुई है और सब कुछ सामान्य है। बस कुछ एटीएम से नकदी नहीं निकल पा रही है। लेकिन छात्र अब भी देश छोड़ने की योजना बना रहे हैं। कुछ लोग चले गए हैं और कई ने आने वाले सप्ताह के लिए टिकट बुक किया है।”

चंद्रन ने कहा कि बेलारूसी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी और गोमेल मेडिकल यूनिवर्सिटी ने छात्रों को घर जाने के लिए चार सप्ताह की छुट्टी लेने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि कोई ऑनलाइन कक्षाएं नहीं आयोजित की जाएंगी और छात्रों को कक्षाओं में भाग लेने के लिए कॉलेजों में वापस जाना होगा।

उन्होंने दावा किया कि बेलारूस में करीब 1500 भारतीय छात्र हैं। चंद्रन के मुताबिक छात्र खुद देश लौट रहे हैं और भारतीय दूतावास ने किसी उड़ान की व्यवस्था नहीं की है।

जब यूक्रेन में हिंसा भड़की, तो मिन्स्क में भारतीय दूतावास ने बेलारूस में भारतीय नागरिकों से उनके स्थान सहित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले फॉर्म भरने के लिए कहा, जो निकासी की आवश्यकता होने पर मददगार हो सकता है।

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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