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Sunday, 6 October, 2024
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सरकार ने कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी 800 से अधिक दवाइयों की कीमत नियंत्रित की: मोदी

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नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने कैंसर और हृदयरोग जैसी बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी 800 से अधिक दवाइयों की कीमतों को नियंत्रित किया है और किफायती मूल्य में जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए जन औषधि केंद्रों से गरीबों और मध्यम वर्ग को बहुत फायदा पहुंचा है और साथ ही इनसे 13,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

प्रधानमंत्री ने जन औषधि दिवस के अवसर पर जन औषधि केंद्र के मालिकों के साथ ही ‘जेनरिक’ दवाइयां उपलब्ध कराने की योजना के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संवाद किया और उनके अनुभव सुने।

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की शुरुआत विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के लिए किफायती दरों पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराने के मकसद से की गई है।

संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-औषधि केंद्र तन को औषधि देते हैं लेकिन साथ ही यह मन की चिंता करते हैं और धन को बचाकर जन-जन को राहत भी पहुंचाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दवा का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में जो आशंका होती थी कि पता नहीं, कितना पैसा दवा खरीदने में खर्च होगा….., वह चिंता कम हुई है।’’

मोदी ने कहा कि आज देश में साढ़े आठ हजार से ज्यादा जन-औषधि केंद्र खुले हैं और ये केंद्र अब केवल सरकारी स्टोर नहीं, बल्कि सामान्य जन के लिए समाधान केंद्र बन रहे हैं।

इस कार्यक्रम का विषय ‘जन औषधि-जन उपयोगी’ रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री मनसुख भाई मांडविया भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि ‘जेनरिक’ दवाइयों के उपयोग और जन औषधि परियोजना के फायदों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक मार्च से देशभर में जन औषधि सप्ताह मनाया जा रहा है।

देश में अभी 8,600 से अधिक जन औषधि स्टोर हैं। इसका उद्देश्य लोगों को वहनीय मूल्य पर दवाइयां उपलब्ध कराना है।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने कैंसर, टीबी, मधुमेह, हृदयरोग जैसी बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी 800 से ज्यादा दवाइयों की कीमतों को भी नियंत्रित किया है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि स्टेंट लगाने और घुटने इंप्लांट की कीमत भी नियंत्रित रहे।’’

उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में जन औषधि केंद्रों के जरिए 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाएं बिकी हैं और इसी साल जन औषधि केंद्रों के जरिए गरीब और मध्यम वर्ग के करीब 5,000 करोड़ रुपये की बचत हई है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक करीब कुल 13,000 करोड़ रुपये की बचत लोगों को हुई है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने निजी चिकित्सा कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी चिकित्सा कॉलेजों के बराबर शुल्क करने का फैसला किया है और इसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हए हमारी सरकार स्वास्थ्य ढांचे को निरंतर मजबूत कर रही है। आजादी के इतने दशकों के बाद भी देश में केवल एक एम्स था लेकिन आज देश में 22

एम्स हैं। हमारा लक्ष्य देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोलने का है।’’

प्रधानमंत्री ने एक रुपये में सेनिटरी नेपकिन योजना की सफलता का उल्लेख किया और कहा कि 21 करोड़ सेनिटरी नैपकिन की बिक्री दर्शाती है कि जन औषधि केंद्रों ने देश में महिलाओं के जीवन को भी आसान बनाया है।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आज 50 करोड़ से ज्यादा लोग हैं और जब से यह योजना शुरू हुई है तब से तीन करोड़ से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिला है। अगर ये योजना नहीं होती, तो हमारे इन गरीब भाई-बहनों को करीब-करीब 70 हजार करोड़ रुपए का खर्च करना पड़ता।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय दुनिया के बड़े-बड़े देशों में वहां के नागरिकों को जहां एक-एक टीके के हजारों रुपये देने पड़े वहीं भारत में उनकी सरकार ने कोशिश की कि हिन्‍दुस्‍तान के एक भी नागरिक को टीकों के लिए कोई खर्चा न करना पड़े।

उन्होंने कहा, ‘‘आज देश में मुफ्त टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है और हमारी सरकार 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इसमें खर्च कर चुकी है ताकि हमारे देश का नागरिक स्‍वस्‍थ रहें।’’

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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