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Sunday, 6 October, 2024
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यूक्रेन संकट: मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की से बात की, सीधी बात करने का दिया सुझाव

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नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के 12वें दिन यानी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से अलग-अलग बातचीत की और इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सुझाव दिया कि वह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से सीधी बातचीत करें।

मोदी ने कहा कि इससे शांति की दिशा में चल रहे प्रयासों में ‘‘काफी मदद’’ मिल सकती है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी और पुतिन के बीच फोन पर करीब 50 मिनट और मोदी और जेलेंस्की के बीच करीब 35 मिनट बातचीत हुई।

मोदी और पुतिन के बीच बातचीत के बाद रूस की ओर से कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है जबकि जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अपने देश के खिलाफ ‘रूस के हमलों’ का जवाब देने की जरूरत के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को सूचित किया है। उन्होंने यूक्रेन के लोगों को निरंतर समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद दिया।

मोदी और पुतिन की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में उभरती परिस्थितियों पर चर्चा की और इस दौरान पुतिन ने यूक्रेन तथा रूस के प्रतिनिधमंडलों के बीच जारी वार्ता की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।

इसने कहा कि मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी बातचीत का स्वागत किया तथा उम्मीद जताई कि इससे दोनों देश संघर्ष की समाप्ति की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच सीधी बातचीत से शांति की दिशा में चल रहे प्रयासों में काफी मदद मिल सकती है।’’

पुतिन और मोदी के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है जब रूस ने नागरिकों की निकासी के लिए सोमवार सुबह से संघर्षविराम के साथ कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की।

उत्तर, दक्षिण और मध्य यूक्रेन के शहरों में रूस की लगातार जारी गोलाबारी के बीच हजारों यूक्रेनी व अन्य देशों के नागरिक वहां से सुरक्षित निकलने की कोशिश में जुटे हैं। भारत भी छात्रों समेत अपने नागरिकों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर अपनी ‘‘गहरी चिंता’’ से रूसी राष्ट्रपति को अवगत कराया।

उन्होंने सूमी सहित यूक्रेन के कुछ अन्य शहरों में संघर्षविराम और मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की सराहना की तथा सूमी से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के महत्व पर जोर दिया।

पीएमओ ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने भारतीय छात्रों सहित आम नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय गलियारे खोले जाने संबंधी उपायों के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को विस्तृत जानकारी दी।

सूत्रों ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वस्त किया कि भारतीयों को सुरक्षित निकालने में वह हरसंभव सहयोग करेंगे।’’

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद मोदी और पुतिन के बीच यह तीसरी वार्ता थी। भारत, रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं से युद्ध को तत्काल समाप्त करने तथा वार्ता और कूटनीति के जरिए मतभेदों को दूर करने की अपील करता आ रहा है।

रूसी समाचार एजेंसी इंटरफेक्स ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय रक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससीई) और रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति को कीव, मारियुपोल, खारकीव तथा सूमी में मानवीय गलियारा खोले जाने की जानकारी दी है।

पुतिन से बातचीत करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से भी करीब 35 मिनट बात की और युद्धग्रस्त देश के पूर्वोत्तर इलाके के शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में उनसे मदद का आग्रह किया।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण सूमी में अभी भी 700 के करीब भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। यहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत प्रयास कर रहा है लेकिन भारी गोलाबारी और हवाई हमलों की वजह से उसे सफलता नहीं मिल पा रही।

प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूसी हमलों से यूक्रेन के मुकाबले के बारे में सूचित किया है।’’

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘भारत ने युद्ध के समय अपने नागरिकों की सहायता के लिए तथा सर्वोच्च स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता को दिशा देने के लिए यूक्रेन की प्रतिबद्धता की सराहना की है। यूक्रेन की जनता को समर्थन के लिए आभारी हूं। रूस को रोका जाए।’’

यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने के बाद मोदी और जेलेंस्की के बीच यह दूसरी टेलीफोन वार्ता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पूर्वी यूरोपीय देश में चल रहे संघर्ष को कम करने के लिए हिंसा को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हुए यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए जेलेंस्की का समर्थन मांगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने वर्तमान संघर्ष की स्थिति और उसके परिणामस्वरूप मानवता पर आने वाले संकट के बारे में गहरी चिंता प्रकट की है तथा हिंसा को फौरन रोकने की जरूरत बताई।

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि वार्ता के दौरान जेलेंस्की ने युद्ध की स्थिति और यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में जारी युद्ध और इसके परिणामस्वरूप पैदा हुए मानवीय संकट पर चिंता जताई।

पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया और इस बात को रेखांकित किया कि भारत हमेशा ही दोनों पक्षों के बीच सीधी वार्ता और मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है।

भारत रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं से युद्ध को तत्काल समाप्त कर, वार्ता और कूटनीति के जरिए मतभेदों को दूर करने की अपील करता आ रहा है।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में अब भी फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर चिंता जताई और उनकी जल्द सुरक्षित निकासी की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत ने मिशन ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत 76 उड़ानों से अपने लगभग 16,000 नागरिकों की वापसी कराई है। यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को रूस के सैन्य हमले शुरू होने के बाद 26 फरवरी को यह अभियान शुरू किया गया था।

भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों के अधिकारियों से अनुरोध किया है कि छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए एक गलियारा बनाया जाए।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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