scorecardresearch
Monday, 25 November, 2024
होमदेशसंसद का दायरा राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर चर्चा के बजाय स्थानीय मुद्दों तक सिमटा : कांग्रेस सांसद

संसद का दायरा राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर चर्चा के बजाय स्थानीय मुद्दों तक सिमटा : कांग्रेस सांसद

Text Size:

नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विभिन्न सरकारों पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर विचार विमर्श को लेकर अनिच्छुक होने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि संसद का दायरा अपने निर्वाचन क्षेत्र स्तर के ऐसे स्थानीय मुद्दों को उठाने वाले सांसदों तक ‘‘सिमटता’’ जा रहा है जो नगर निकायों और राज्य विधानसभाओं के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

तिवारी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में अपनी नवीनतम पुस्तक ‘‘10 फ्लैशपॉइंट्स, 20 इयर्स: द नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशंस दैट इम्पैक्ट इंडिया’’ पर आयोजित एक सत्र के दौरान अपने संबोधन में भारत-चीन सीमा गतिरोध का उल्लेख किया और कहा कि इस मुद्दे पर ‘‘लगभग 21 महीने बाद भी संसद में एक बार चर्चा नहीं हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सरकार के स्तर पर आश्चर्यजनक रूप से अनिच्छा दिखती है और जब मैं सरकार के बारे में बात करता हूं तो मैं सामान्यत: प्रशासन से परे राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर एक सार्थक चर्चा के विषय में बात करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘… दुर्भाग्य से संसद बेहद अहम, चुनौतीपूर्ण मुद्दों जिनका भारत सामना करता है, उनके विचार-विमर्श के मंच या नीति निर्माण का मंच होने के बजाय निर्वाचन क्षेत्र-स्तर के ऐसे मुद्दों को उठाने वाले लोगों तक सिमट गई है, जो नगर निकायों और राज्य विधानसभाओं के अधीन होते हैं।’’

हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि विदेश मंत्रालय, रक्षा या गृह मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों की स्थायी समितियों में कुछ मुद्दों पर चर्चा हो सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कई ऐसे विषय हैं जो एक तरह से वर्जित विषय बन गए हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी किसी भी चीज को ‘‘पवित्र’’ की तरह देखा जाता है।’’

अपनी बात के समर्थन में, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने साझा किया कि कैसे चीन के साथ देश की सीमा की स्थिति पर सितंबर 2020 से उनके द्वारा पूछे गए ‘‘43 प्रश्नों’’ को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया गया।

देश की विदेश नीति और चीन एवं पाकिस्तान के साथ प्रतिकूल संबंधों के बारे में बात करते हुए 56 वर्षीय कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत को अपने आंतरिक विकास और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों को पार करने के लिए ‘‘अपनी सीमा में तीन दशकों तक शांति’’ की आवश्यकता है।

जेएलएफ का 15वां संस्करण नौ मार्च तक ऑनलाइन और 10 से 14 मार्च तक जयपुर में होटल क्लार्क्स आमेर के नए स्थल पर आयोजित किया जाएगा। इस साल के साहित्यिक उत्सव में तुर्की के चर्चित उपन्यासकार एलिफ शफाक, 2021 में बुकर पुरस्कार विजेता डेमन गलगुट, ऑस्ट्रेलियाई लेखक और 2003 के बुकर विजेता डीबीसी पियरे, हॉलीवुड अभिनेता-लेखक रूपर्ट एवरेट और जमैका के प्रख्यात कवि केई मिलर समेत 250 लेखक भाग ले रहे हैं।

भाषा सुरभि अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments