चंडीगढ़, छह मार्च (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भाखड़ा-ब्यास प्रबंध बोर्ड (बीबीएमबी) के सदस्यों के चयन के लिए निर्धारित नियमों में हाल में किए गए बदलावों के मुद्दे को उठाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है।
चन्नी की मंशा गृह मंत्री के समक्ष यूक्रेन से पंजाबी विद्यार्थियों को निकाले के मुद्दे को भी उठाना है।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इन दो मुद्दो को ‘ अत्यंत महत्व’ का बताते हुए शाह से मिलने का समय मांगा है।
इससे पहले, 28 फरवरी को पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की थी और कहा था कि बीबीएमबी के दो सदस्यों के चयन के लिए नियमों में किया गया बदलाव पंजाब और हरियाणा के हितों के लिए नुकसानदेह होगा।
सिंह ने राज्यपाल को इस मुद्दे पर एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें केंद्र के समक्ष यह मुद्दा उठाने की गुजारिश की गई थी।
नियमों में बदलाव करने को लेकर विवाद हो गया है और पंजाब के कई सियासी नेताओं ने केंद्र के कदम का विरोध किया है।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि कुछ नेता जानबूझकर इस मामले पर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
बीबीएमबी पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत वैधानिक निकाय है जो सतलुज और ब्यास के जलाशयों का प्रबंध करता है। इसका एक पूर्णकालिक अध्यक्ष होता है तथा दो सदस्य होते हैं।
परंपरा के मुताबिक, एक सदस्य (बिजली) हमेशा पंजाब से होता है और दूसरा सदस्य (सिंचाई) हरियाणा से होता है। उनका चयन वरिष्ठ अभियंताओं की एक समिति करती है।
अब नियमों में बदलाव किया गया है जिसके तहत इन पदों के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है।
इस बीच, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने शुक्रवार को कहा था कि यूक्रेन में फंसे पंजाबी विद्यार्थियों में से 225 सुरक्षित वापस आ गए हैं और राज्य सरकार संबंधित परिवारों की मदद के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
भाषा
नोमान रंजन
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