कोच्चि, छह मार्च (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) के एक मामले में कोच्चि स्थित होटल-18 के मालिक और दो अन्य लोगों द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी. ने आरोपियों और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह होटल-18 के मालिक रॉय जे वायलट और उनकी मित्र अंजलि वडक्केपुरक्कल तथा सिजू एम थंकाचन की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर आठ मार्च को फैसला सुनाएंगे।
आरोपियों ने दावा किया कि नाबालिग की मां द्वारा उनके खिलाफ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की शिकायत ‘ब्लैकमेल करने की कोशिश’ थी।
पिछली सुनवाई में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा-164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के समक्ष नाबालिग द्वारा दिए गए बयान पर गौर करने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा था कि ‘इसमें सच्चाई नजर आती है।’
न्यायाधीश ने कहा था, “धारा-164 के तहत दर्ज बयान प्रदर्शित करता है कि कैसे पूरी साजिश रची गई थी। इसमें यह दर्शाने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि आरोपी नंबर 3 (अंजलि वडक्केपुरक्कल) ने पीड़िता को यह कहकर बहकाया था कि उसे मॉडल बनाया जाएगा।”
न्यायाधीश ने कहा था, “अंजलि ने पीड़िता से हर तरह के काम करवाए, उसे हर तरह के कपड़े पहनाए, उसकी तस्वीरें लीं। मैं धारा-164 के तहत दर्ज बयान के बारे में इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।”
पीड़िता की मां अंजलि वडक्केपुरक्कल के यहां काम करती थी। उसने आरोप लगाया था कि अंजलि ने उसे और उसकी बेटी को मुलाकात के बहाने होटल-18 में बुलाया था, जहां वायलट ने कथित तौर पर नाबालिग से छेड़छाड़ की और उसका वीडियो भी बनाया।
शिकायत में दावा किया गया है कि मां और बेटी के होटल से चले जाने के बाद अंजलि ने पीड़िता का वीडियो और तस्वीरें कथित तौर पर सोशल मीडिया पर डालने के साथ-साथ अन्य लोगों के साथ भी साझा कर दी।
भाषा पारुल सुभाष
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