scorecardresearch
Sunday, 6 October, 2024
होमदेशअदालत ने एनआरसी के दौरान एकत्रित बायोमीट्रिक जानकारी जारी करने संबंधी याचिका स्वीकार की

अदालत ने एनआरसी के दौरान एकत्रित बायोमीट्रिक जानकारी जारी करने संबंधी याचिका स्वीकार की

Text Size:

गुवाहाटी, चार मार्च (भाषा) गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान एकत्र की गई बायोमीट्रिक जानकारी जारी करने का निर्देश देने से संबंधी रिट याचिका को स्वीकार कर लिया है।

याचिकाकर्ताओं संजय डे और उनके बेटे अनुभव ने अदालत से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि उनकी बायोमीट्रिक जानकारी जारी की जाए ताकि वे अपना आधार कार्ड बनवाने के लिये आवेदन कर सकें।

उन्होंने एनआरसी अस्वीकृति पर्ची प्राप्त करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की भी अपील की ताकि वह और उनके परिवार के चार अन्य सदस्य न्यायालय में एनआरसी बहिष्करण के खिलाफ अपील करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें।

न्यायमूर्ति मानस रंजन पाठक ने बुधवार को उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया और मामले की सुनवाई नौ मार्च को निर्धारित की गई है।

संजय डे के परिवार के पांच सदस्यों ने 27 अगस्त 2015 को एनआरसी में शामिल करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनमें से किसी को भी मसौदे या अंतिम नागरिक सूची में शामिल नहीं किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2018 में निर्देश दिया था कि 31 जुलाई, 2018 को प्रकाशित एनआरसी सूची के मसौदे से बाहर रहने वालों के लिए दावा सुनवाई के दौरान अपना बायोमीट्रिक जमा करना अनिवार्य है।

कुल 27.43 लाख लोगों ने अपने बायोमीट्रिक के लिए पंजीकरण कराया था लेकिन 19 लाख लोगों ने अंतिम सूची में अपना नाम नहीं पाया।

ढाई साल से अधिक समय पहले प्रकाशित अंतिम एनआरसी में आगे कोई प्रगति नहीं हुई है। सूची को अभी औपचारिक रूप से भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा प्रकाशित किया जाना है। अस्वीकृति पर्ची अभी तक जारी नहीं की गई है और हितधारक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित कई याचिकाओं के साथ अंतिम सूची के एक हिस्से के पुन: सत्यापन की मांग कर रहे हैं।

31 दिसंबर, 2017 की मध्यरात्रि में, एनआरसी के मसौदे का आंशिक प्रकाशन जिसमें प्राप्त कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 1.9 करोड़ व्यक्तियों के नाम प्राप्त हुए थे, उसे जारी किया गया । 30 जुलाई, 2018 को, 2.9 करोड़ लोगों के साथ एनआरसी के मसौदे का पूरा प्रकाशन जारी किया गया था और 40 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया था।

31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित अंतिम सूची में कुल आवेदकों में से 3.11 करोड़ से अधिक शामिल थे जबकि 19 लाख से अधिक को बाहर रखा गया था।

भाषा

जोहेब नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments