नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल के एक छात्र के इस आरोप की सीबी-सीआईडी जांच पर रोक लगा दी है कि ‘नीट-यूजी-2020’ की उसकी ‘ओएमआर शीट’ (उत्तर पत्र) वेबसाइट पर बदल दी गई और उसके शुरूआती अंक 50 प्रतिशत से अधिक घटा दिये गये।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने इसके साथ ही नोटिस जारी किया।
इससे पहले, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) संचालित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि उनकी छानबीन के मुताबिक, केवल एक ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड की गई थी और छात्र को 720 में 594 के बजाय 248 अंक मिले।
पीठ ने कहा कि अगले आदेश तक, सीबी-सीआईडी की जांच स्थगित रहेगी। पीठ ने कहा कि अगले आदेश तक मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 25 जनवरी 2022 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी।
पीठ ने स्प्ष्ट कर दिया कि अदालत के अगले आदेश तक छात्र का दाखिला प्रभावित नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि नीट-यूजी-2020 में शमिल हुए के.एस. कंबोज ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर एनटीए द्वारा जारी ‘स्कोर कार्ड’से जुड़े रिकार्ड देने का अनुरोध किया था, जिसे 16 अक्टूबर 2020 को अपलोड किया गया था।
साथ ही, कंबोज ने एजेंसी को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया था कि उसका परीक्षा परिणाम 720 में 594 अंक के रूप में घोषित किया जाए, जैसा कि प्रथम ओएमआर शीट में प्रदर्शित हुआ था।
उच्च न्यायालय ने 25 जनवरी को अपने फैसले में कंबोज और उसके माता-पिता के इस आरोप की सीबी-सीआईडी जांच का आदेश दिया था कि उसकी ओएमआर शीट बदल दी गई है।
भाषा
सुभाष अविनाश
अविनाश
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