नई दिल्ली: कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर उसकी विफलता का ठीकरा यूक्रेन में फंसे छात्रों पर फोड़ने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि युद्ध प्रभावित देश से सभी भारतीय नागरिकों को कब तक स्वदेश लाया जाएगा.
पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि यूक्रेन में अभी कितने भारतीय छात्र फंसे हुए हैं तथा रूस एवं यूक्रेन दोनों से भारत के अच्छे रिश्ते होने के बावजूद छात्रों को अब तक बाहर निकलने का सुरक्षित रास्ता क्यों नहीं मिला?
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यूक्रेन में एक और भारतीय छात्र को कथित तौर पर गोली लगने की घटना का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘एक और भारतीय छात्र को गोली लगी…यूक्रेन-रूस युद्ध में बच्चों पर हर पल खतरा है. मगर मोदी सरकार सिर्फ पीआर एजेंसी बनी हुई है.’
उन्होंने सवाल किया, ‘जो हज़ारों बच्चे यूक्रेन के अंदर भारी हमलों के बीच निकल नहीं पा रहे हैं, उन्हें कब निकालेंगे? क्या चार मंत्रियों को सिर्फ ताली बजाने के लिए भेजा गया है?’
सुरजेवाला ने नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह के एक बयान को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बमों/मिसाइलों के हमलों में 9 दिनों से फंसे बच्चों को मोदी सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि अल्टीमेटम था तो पहले क्यों नहीं निकले, थोड़ा लंबा रास्ता तय करके आ जाइये, जब आप सारे खतरों से बचकर आ जाएंगे तो हम आपकी अगवानी कर लेंगे…… ये देश के मंत्री हैं या ट्रैवल एजेंट?’
इससे पहले, वी के सिंह ने कहा था, ‘आज, हमें पता चला है कि कीव छोड़कर जा रहे एक छात्र को गोली लग गई है. उसे वापस कीव ले जाया गया है. युद्ध में ऐसा होता है.’
सिंह, इस समय युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए उसके पड़ोसी देश पोलैंड में हैं.
सुरजेवाला ने कर्नाटक के भाजपा नेता अरविंद वेलाड़ के एक बयान को लेकर आरोप लगाया कि क्रूरता भाजपा के डीएनए में है.
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि बेलाड़ के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए.
खबरों के मुताबिक, यूक्रेन में कर्नाटक के छात्र नवीन की मौत की पृष्ठभूमि में बेलाड़ ने यह कहा कि ‘विमान में शव ज्यादा जगह लेता है.’
शमा मोहम्मद ने यूक्रेन मामले को लेकर संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार को बताना चाहिए छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए परिवहन की क्या व्यवस्था है? अगर मंत्री युद्ध क्षेत्र से बाहर हैं और छात्रों को वहां से निकलने के बाद उन्हें स्वदेश लाया जा रहा है तो फिर युद्ध क्षेत्र से निकासी कैसे हुई? असल बात यह है कि केंद्र सरकार के मंत्री युद्ध क्षेत्र नहीं, शांति क्षेत्र में हैं.’
उन्होंने दावा किया, ‘यह रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध है. इसमें हमारे छात्र फंसे हुए हैं. दूतावास की ओर से विरोधाभासी परामर्श जारी किए गए जिस कारण छात्र वहां से नहीं निकल सके. जबकि दूसरे देशों ने स्पष्ट परामर्श जारी किया था कि उनके नागरिक अनिवार्य रूप से बाहर निकाल जाएं.’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘सरकार को बताना चाहिए कि कितने छात्र फंसे हैं और किन इलाकों में फंसे हैं? सभी छात्रों को कब निकाला जाएगा, सरकार इसकी समय सीमा बताए. हमारी मांग है कि इन छात्रों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए.’
कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सप्पल ने आरोप लगाया, ‘सरकार अपनी विफलता का ठीकरा छात्रों पर फोड़ रही है. इसकी कांग्रेस कड़ी निंदा करती है.’
उन्होंने कहा कि भारत के रूस और यूक्रेन से दोनों के अच्छे रिश्ते हैं और ऐसे में भारतीय छात्रों को जल्द बाहर निकालने की व्यवस्था होनी चाहिए.
भाषा हक हक माधव
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