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Sunday, 6 October, 2024
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बेंगलुरु में बड़ी रैली के साथ कांग्रेस की पदयात्रा का समापन

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बेंगलुरु, तीन मार्च (भाषा) कर्नाटक में कांग्रेस ने कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना को लागू करने की मांग के साथ बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में एक बड़ी रैली करते हुए अपनी पदयात्रा पूरी की।

राज्य में 27 फरवरी को रामनगर में शुरू हुई ‘नम्मा नीरू नम्मा हक्कू’ (हमारा पानी, हमारा अधिकार) विषय के साथ पदयात्रा का दूसरा चरण 79.8 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यहां बसावनगुडी के नेशनल कॉलेज मैदान में समाप्त हुआ।

पदयात्रा के अंतिम दिन मेखरी सर्कल से नेशनल कॉलेज मैदान तक 11.8 किमी की दूरी तय की गई जिससे शहर के कुछ हिस्सों में यातायात संबंधी समस्याएं भी पैदा हुईं। पदयात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

रैली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया तथा पार्टी के कई नेताओं समेत मठों के महंत शामिल हुए। मार्च का नेतृत्व सिद्धरमैया ने किया।

रैली को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने केंद्र पर वोट के लिए मेकेदातु परियोजना के मुद्दे पर तमिलनाडु का समर्थन करने का आरोप लगाया और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार की केंद्र सरकार से पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने के लिए दबाव नहीं बनाने के लिए आलोचना की।

पहले और दूसरे चरण की कुल नौ दिवसीय पदयात्रा को सफल बनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं को धन्यवाद देते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि परियोजना के लिए कोई अदालती आदेश या कानूनी बाधा नहीं है और राज्य और केंद्र दोनों सरकारों से इसे जल्द लागू करने का आग्रह किया।

भाजपा को ‘‘झूठ फैलाने का कारखाना’’ बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि झूठी सूचना फैलाई गई और कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर मेकेदातु परियोजना के क्रियान्वयन के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए ‘बेनामी’ विज्ञापन जारी किए गए, जबकि तथ्य यह है कि उन्हीं के नेतृत्व वाली सरकार ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई थी।

शिवकुमार ने राज्य सरकार पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ करीब 10 प्राथमिकियां दर्ज कर पदयात्रा के लिए परेशानी पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हमें इससे डर नहीं है, हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं। यह तो शुरुआत है, हमें इसे अंजाम तक पहुंचाना होगा। हम राज्य के हित में पूरे कर्नाटक में इसी तरह की रैलियां और मार्च निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

सुरजेवाला ने कहा कि मेकेदातु पदयात्रा कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन या राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि बेंगलुरु और आसपास के इलाकों की ‘‘प्यास बुझाने का मिशन है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘डबल इंजन वाली भाजपा सरकारों’’ ने कर्नाटक के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। सुरजेवाला ने सरकार से मेकेदातु परियोजना को राज्य के लोगों का अधिकार बताते हुए इसे लागू करने का आग्रह किया।

खड़गे ने परियोजना को पर्यावरण मंजूरी देने में देरी पर केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाते हुए उल्लेख किया कि उद्योगपतियों के लिए तुरंत मंजूरी दे दी जाती है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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