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Friday, 15 November, 2024
होमदेशजल प्रदूषण पर ग्रेटर नोएडा की हाउसिंग सोसाइटी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना

जल प्रदूषण पर ग्रेटर नोएडा की हाउसिंग सोसाइटी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना

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नोएडा, दो मार्च (भाषा), सोसायटी के सीवरेज को शोधित किए बिना बरसाती नाले में गिराने के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने बुधवार को सुपरटेक के ईको विलेज- वन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने बिल्डर को यह रकम एक सप्ताह में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सोसायटी के सीवरेज को शीघ्र शोधित न कराने पर लीज डीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि नियमत: ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक एरिया पर बनी सभी सोसायटी, संस्थानों व प्रतिष्ठानों को खुद का एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाना और उसे चलाना अनिवार्य है। सोसायटी से निकलने वाले सीवरेज को एसटीपी से शोधित करने के बाद उसका इस्तेमाल सिंचाई, निर्माण आदि कार्यों में होना चाहिए। सुपरटेक ईको विलेज वन सोसायटी के सीवरेज को बिना शोधित किए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनाए गए बरसाती नाले में गिराया जा रहा था। प्राधिकरण के सीवर विभाग ने जल प्रदूषण को देखते हुए बिल्डर को सीवरेज का शोधन तत्काल शुरू कराने को कहा था, न मानने पर प्राधिकरण ने सुपरटेक इको विलेज पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया है। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि अगर सीवरेज का तत्काल शोधन शुरू न किया गया तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्राधिकरण की कानूनी करार संबंधी शर्तों के अनुसार ईकोविलेज सोसायटी पर कार्रवाई की जाएगी। सीवर विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी सोसायटी, संस्थान और प्रतिष्ठान ने सीवरेज को शोधित किए बिना नाले में डालने की कोशिश की तो उस पर कठोर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही ऑक्यूपेंसी व कंपलीशन सर्टिफिकेट रद्द करने और प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक 46 बिल्डर सोसायटी पर करीब तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है। भाषा सं.

संतोषसंतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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